आचार्य चाणक्य को श्रेष्ठ विद्वानों में गिना जाता हैं ये एक अच्छे शिक्षक के तौर पर भी जाने जाते हैं। चाणक्य की नीतियां देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभवों को नीतिशास्त्र में पिरोया हैं। जिसे चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता हैं। आचार्य चाणक्य ने व्यक्ति के जीवन से जुड़े हर पहलु धन, सेहत, कारोबार, दांपत्य जीवन, समाज, सफलता आदि पर अपनी राय रखी हैं। कहते हैं चाणक्य की बातों का अनुसरण अगर कोई व्यक्ति कर लेता हैं तो उसका पूरा जीवन सफल हो जाता हैं और वह कभी भी गलती नहीं करता हैं।
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों से मनुष्य और समाज का हमेशा ही मार्गदर्शन किया हैं। चाणक्य कहते हैं कि अपने जीवन की तुलना कभी किसी दूसरे से नहीं करना चाहिए। वरना व्यक्ति हमेशा ही निराश, परेशान और दुखी रहता हैं, तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा चाणक्य की नीति बता रहे हैं।
आचार्य चाणक्य के विचार—
चाणक्य नीति की मानें तो मनुष्य को कभी भी अपने जीवन की तुलना अन्य लोगों के साथ नहीं करनी चाहिए। क्योंकि सूर्य और चंद्रमा दोनों ही चमकते हैं चाणक्य नीति कहती हैं कि अधिकतर मनुष्य अपने जीवन की तुलना दूसरों से करते हैं। मनुष्य की ये तुलना करियर, कपड़ों, मकान और कई बार धन को लेकर भी होती हैं। ऐसा करने से दूसरे व्यक्ति के भीतर हीनभावना पैदा होती हैं ऐसे में इस आदत को तुरंत ही छोड़ देना बेहतर होता हैं।
इसके अलावा हर मनुष्य का रहन सहन और जीवनशैली भिन्न होती हैं जो आप चाह कर भी नहीं जी सकते हो। लेकिन कभी भी दूसरों से अपनी तुलना न करें। क्योंकि ये तुलना आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकती हैं ये आपके अंदर ईष्या को जन्म दे सकती हैं ऐसे में खुद की तुलना दूसरों से करने से बचें। चाणक्य नीति कहती हैं कि मनुष्य को सब्र रखना चाहिए। क्योंकि आपको वही मिलेगा जिसके आप योग्य हैं इसलिए अन्य लोगों से अपनी तुलना करना बंद करें।