चैत्र नवरात्रि के दौरान करे ये काम, रूठ सकती हैं देवी दूर्गा

इन दिनों हिंदी कैलेंडर का पहला महीना चैत्र चल रहा है। हिंदू धर्म में चैत्र महीने का खास महत्व होता है।

Update: 2022-03-23 10:07 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  इन दिनों हिंदी कैलेंडर का पहला महीना चैत्र चल रहा है। हिंदू धर्म में चैत्र महीने का खास महत्व होता है। इस महीने में बहुत सारे व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। चैत्र के महीने में ही चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) का त्योहार मनाया जाता है। इस साल चैत्र नवरात्रि का त्योहार 2 अप्रैल से शुरु होकर 11 अप्रैल तक रहेगी।

चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा के भक्त उपवास रखते हुए पूजा अर्चना करते हैं। चैत्र प्रतिपदा तिथि को घटस्थापना की जाती है और अष्टमी व नवमी तिथि पर कन्या पूजन के बाद व्रत का पारण किया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार साल भर में कुल मिलाकर 4 नवरात्रि आती हैं जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है
यूं तो इन नौ दिनों में भक्त तरह-तरह की पूजा व भजन-कीर्तन आदि करते हैं जिससे मां दुर्गा प्रसन्न हो जाएं। लेकिन मान्यता है कि ऐसे बहुत से कार्य हैं जिन्हें चैत्र नवरात्रि के दौरान करने पर मां दुर्गा नाराज हो जाती हैं। आइए जानें ये कार्य कौन से हैं...
चैत्र नवरात्रि में ना करें ये काम
- चैत्र नवरात्रि दौरान सात्विक भोजन ही करना चाहिए और मांस-मछ्ली व प्याज लहसुन से परहेज करना चाहिए।
- नवरात्रि के दौरान शराब के सेवन को भी वर्जित माना गया है।
- व्रती परिवार के सदस्यों को चैत्र नवरात्रि के दौरान बाल, दाढ़ी या मूंछ नहीं कटवाने चाहिए।
- नवरात्रि के दौरान चमड़े से बनी वस्तुओं को दूर रखना चाहिए।
- पूजा स्थल पर जाने वाले व्यक्ति को चमड़े की कोई चीज धारण नहीं करनी चाहिए।
- चैत्र नवरात्रि पर दुर्गा मां की अखंड ज्योत को कभी भुजने नहीं देना चाहिए. मां दुर्गा क्रोधित हो सकती हैं।
चैत्र घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
इस साल चैत्र घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 2 अप्रैल 2022, शनिवार की सुबह 06:22 बजे से 08:31 मिनट तक रहेगा। यानी कि कुल अवधि 02 घण्टे 09 मिनट की रहेगी। इसके अलावा घटस्थापना को अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:08 बजे से 12:57 बजे तक रहेगा। वहीं प्रतिपदा तिथि 1 अप्रैल 2022 को सुबह 11:53 बजे से शुरू होगी और 2 अप्रैल 2022 को सुबह 11:58 पर खत्‍म होगी।
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ : अप्रैल 01, 2022 को सुबह 11 बजकर 54 से शुरू
प्रतिपदा तिथि समाप्त : अप्रैल 02, 2022 को सुबह 11 बजकर 57 पर समाप्त
चैत्र घटस्थापना शनिवार, अप्रैल 2, 2022 को
घटस्थापना शुभ मुहूर्त: सुबह 6 बजकर 22 मिनट से 8 बजकर 31 मिनट तक
घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:08 बजे से 12:57 बजे तक रहेगा।
घटस्थापना विधि
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ वस्त्र पहनें। फिर मंदिर की साफ-सफाई करके गंगाजल छिड़कें। इसके बाद लाल कपड़ा बिछाकर उस पर थोड़े चावल रखें। मिट्टी के एक पात्र में जौ बो दें और इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें। कलश में चारों ओर अशोक के पत्ते लगाएं और स्वास्तिक बनाएं। फिर इसमें साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालें।
इसके बाद एक नारियल पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें और इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखते हुए देवी दुर्गा का आहवाहन करें। फिर दीप जलाकर कलश की पूजा करें। ध्यान रखें कि कलश स्टील सा किसी अन्य अशुद्ध धातु का नहीं होना चाहिए। कलश के लिए सोना, चांदी, तांबा, पीतल के धातु के अलावा मिट्टी का घड़ा काफी शुभ माना गया है।






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