धर्म अध्यात्म: भगवान शिव की पूजा से हर कष्ट दूर हो जाता है और भोलेनाथ शंभू की कृपा हमेशा अपने भक्तों पर बनी रहती है।
सावन में शिव पूजा के दौरान रुद्राभिषेक का खासा महत्व माना जाता है। रुद्राभिषेक के बिना शिव पूजन अपूर्ण है।
ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं रुद्राभिषेक की विधि और संपूर्ण सामग्री से जुड़ी जानकारी।
सावन 2023 में भगवान शिव के रुद्राभिषेक की सामग्री
रुद्राभिषेक के लिए गाय का घी, चंदन, पान का पत्ता, धूप, फूल, गंध, बेलपत्र, कपूर
मिठाई, फल, शहद, दही, दूध (कच्चे दूध के उपाय), मेवा, गुलाबजल, पंचामृत गन्ने का रस, चंदन, गंगाजल
शुद्ध जल, सुपारी, नारियल, श्रृंगी आदि चीजें एक दिन पहले एकत्रित करके रख लें।
सावन 2023 में भगवान शिव के रुद्राभिषेक की विधि
भगवान शिव के रुद्राभिषेक के लिए शुद्ध जल लें और उसमें गंगाजल मिलाएं।
रुद्राभिषेक के जल में भांग, दूध, गन्ने का रस आदि चीजें भी शामिल करें।
फिर तांबे के लोटे में जल भरकर शिव मंदिर जाएं और उत्तर दिशा में बैठें।
इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके श्रृंगी में सबसे पहले गंगाजल डालें।
फिर अभिषेक करना शुरू करें। पंचामृत से भी शिवलिंग का अभिषेक करें।
शिवलिंग का अभिषेक करते समय आचार्य रुद्री का पाठ अवश्य करें।
इस पाठ के अलावा, रुद्राभिषेक पूर्ण होने तक 'ॐ नमः शिवायः' का जाप करें।
फिर शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं और बेलपत्र-धतूरा चढ़ाएं।
शिवलिंग का भोग लगाएं और धूप-दीप शिव जी के आगे जलाएं।
रुद्राभिषेक के जल को किसी पात्र में भरकर घर ले जाएं।
इस जल से पूरे घर में छिड़काव करें। इससे नकारात्मकता दूर होगी।
मान्यता है कि रुद्राभिषेक वाले जल को पीना भी चाहिए।
इसे पीने वाला व्यक्ति रोग-दोष से दूर हो जाता है।
साथ ही, व्यक्ति के व्यक्तित्व में भी सकारात्मक बदलाव आते हैं।
रुद्राभिषेक पूर्ण करने के बाद भगवान शिव की आरती गाएं।