जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Kartik Purnima ke upay: कार्तिक माह का आखिरी दिन कार्तिक पूर्णिमा का होता है. इस दिन देशभर में देव दिवाली का पर्व मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था और देवताओं को फिर से स्वर्ग वापस लौटाया था. इसी खुशी में देवताओं ने दीप जलाकर देव दीपावली का पर्व मनाया था. ऐसा भी कहा जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था. इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा होती है. मान्यता है कि इस दिन अगर मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाए तो उनका आशीर्वाद हमेशा मिलता रहता है, तो जान लीजिए आपको इस दिन कौन-कौन से काम करने होंगे.
दीपदान जरूर करें
कार्तिक पूर्णिमा पर प्रदोषकाल के समय में नदी या तालाब में दीपदान का महत्व होता है. इस मंत्र का उच्चारण कर शाम के समय में दीप प्रज्वलित करें. 'कीटाः पतंगा मशकाश्च वृक्षे जले स्थले ये विचरन्ति जीवाः, दृष्ट्वा प्रदीपं नहि जन्मभागिनस्ते मुक्तरूपा हि भवति तत्र'. ऐसी मान्यता है कि दीपदान करने से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है और घर में सम्पन्नता आती है.
पवित्र नदी में करें स्नान
कार्तिक महीने में भगवान विष्णु का वास जल में होता है. ऐसा कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा या किसी पवित्र नदी में डुबकी लगाने से जीवन के तमाम पाप धुल जाते हैं. विष्णु जी की कृपा से आपको अक्षय पुण्य की प्राप्ति होगी और दैहिक, दैविक और भौतिक पाप दूर होंगे.
हरि-हर की पूजा
कार्तिक पूर्णिमा का दिन श्रीहरि को समर्पित रहता है, इसलिए पूर्णिमा की सुबह भगवान विष्णु के मत्स्य रूप को तुलसी जरूर चढ़ाएं और सत्यनारायण की कथा सुनें. इसके अलावा आप शिव जी का पंचामृत से अभिषेक भी करें, देवी लक्ष्मी को खीर का भोग चढ़ाएं और मां तुलसी को निमित्त घी का दीपक लगाकर पूजा करें.
दान करें
कार्तिक पूर्णिमा के दिन अन्न, गर्म कपड़े, जूते-चप्पल दान करें, इससे आपके घर में मां लक्ष्मी का वास होगा. कर्ज से भी छुटकारा मिलता है और धन लाभ का योग बनता है.
छह तपस्विनी कृतिका पूजन
पूर्णिमा पर चांद के निकल जाने के बाद कार्तिक स्वामी की छह माताएं प्रीति, संतति, क्षमा, अनसूया, शिवा, सम्भूति की पूजा करें. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन इनकी पूजा करने से धन, ऐश्वर्य, बल, धैर्य, अन्न में वृद्धि होती है.