रविवार के दिन इन मंत्रों का करे जाप जल्द मिलेगा सफलता जीवन में आएंगी खुशियां
अगर आप नौकरी करते हैं या फिर कोई व्यवसाय करते हैं और लाख मेहनत करने के बाद भी आपको सफलता नहीं मिल रही
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अगर आप नौकरी करते हैं या फिर कोई व्यवसाय करते हैं और लाख मेहनत करने के बाद भी आपको सफलता नहीं मिल रही तो परेशान न हों. क्योंकि कई बार यह सबकुछ ग्रह नक्षत्रों का खेल होता है और इसलिए (Sunday Puja) अपनी मेहनत में कोई कमी न रखें. लेकिन इसके साथ ही कुछ विशेष उपाय जरूर करें. (Suryadev Puja) सूर्यदेव को ब्रह्माण्ड की आत्मा कहा जाता है और मान्यता है कि इनकी अराधना करने से व्यक्ति को सफलता हासिल होती है.
सप्ताह में रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है. भगवान सूर्य की आराधना अलग-अलग तरीके से लोग करते है. कोई सूर्य को जल चढ़ाकर आराधना करता है तो कोई रविवार को व्रत करके पूजा करता है. कई लोग रविवार को छुट्टी का दिन मानते हैं लेकिन इस दिन कई लोग पूजा अर्चना और व्रत रखकर अपना दिन लाभकारी बनाते हैं. अगर आप अपने जीवन में सफलता पाना चाहते हैं तो रविवार के दिन यह उपाय जरूर करें.
रविवार के दिन करें ये उपाय
सूर्य के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए और सूर्य को बलवान बनाने के लिए रविवार का व्रत करना बहुत ही फलदायक है. इस व्रत को करने से आयु और सौभाग्य में वृद्धि होती है. साथ ही सर्व कामना सिद्धि भी प्राप्त होती है. यह व्रत चर्म और नेत्र आदि विकार नाशक भी है. इस व्रत को निम्न तरीके से पूर्ण श्रद्धा के साथ करे.
रविवार का व्रत किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार से प्रारंभ करे और एक वर्ष अथवा 21 या 51 रविवार तक करे.
रविवार के दिन सुबह स्नान आदि करके लाल वस्त्र धारण करें एवं मस्तक पर लाल चन्दन का तिलक करे और तांबे के कलश में जल लेकर उसमे रोली, अक्षत, लाल पुष्प डालकर श्रद्धापूर्वक सूर्यनारायण को अर्ध्य प्रदान करे. साथ ही "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:" इस बीज मंत्र का यथाशक्ति जाप करे.
इस दिन भोजन सूर्यास्त से पहले करे. भोजन में गेहूं की रोटी अथवा गेहूं का दलिया बनाये.
भोजन से पूर्व भोजन का कुछ भाग मंदिर में दे या बालक-बालिका को देकर भोजन कराएं.
भोजन में कोई पकवान या स्वादिष्ठ खाना न ले. भोजन सामान्य से सामान्य ले. भोजन में नमक का प्रयोग कतई न करे.
अंतिम रविवार को व्रत का उद्यापन करने का विधान है. उद्यापन में योग्य ब्राह्मण से हवन करवाये. हवन क्रिया के पश्चात योग्य दम्पति को भोजन कराकर लाल वस्त्र एवं यथेच्छा दक्षिणा प्रदान करे. इस प्रकार आपके सूर्य व्रत सम्पूर्ण माने जाएंगे.