शनिवार के दिन करे इन महामंत्रों का जाप

ज्योतिष न्यूज़ : सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा अर्चना को समर्पित होता है। वही शनिवार का दिन भगवान श्री शनि देव की पूजा के लिए श्रेष्ठ माना जाता है इस दिन भक्त भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं। …

Update: 2024-01-27 01:58 GMT

ज्योतिष न्यूज़ : सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा अर्चना को समर्पित होता है। वही शनिवार का दिन भगवान श्री शनि देव की पूजा के लिए श्रेष्ठ माना जाता है इस दिन भक्त भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं।

मान्यता है कि ऐसा करने से प्रभु की कृपा प्राप्त होती है लेकिन इसी के साथ ही अगर शनिवार के दिन शनि महाराज की विधिवत पूजने के साथ ही उनके चमत्कारी मंत्रों का जाप सच्चे मन और भक्ति भाव से किया जाए तो जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं और हर समस्या का समाधान होता है। तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान शनिदेव के चमत्कारी मंत्र।

शनिदेव के चमत्कारी मंत्र-
अगर आप शनि महाराज की कृपा पाना चाहते हैं तो ऐसे में शनिवार के दिन स्नान करें इसके बाद मंदिर जाकर तेल का दान करें साथ ही इस मंत्र का सच्चे मन से जाप करें मान्यता है कि ऐसा करने से शनि देव की कृपा सदा बनी रहती है और सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

1. ॐ शं शनिश्चराय नम:

2.शनि आह्वान मंत्र

नीलाम्बरः शूलधरः किरीटी गृध्रस्थित स्त्रस्करो धनुष्टमान् |
चतुर्भुजः सूर्य सुतः प्रशान्तः सदास्तु मह्यां वरदोल्पगामी ||

3. साढ़ेसाती के प्रभाव से बचने का शनि मंत्र

ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।

ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।
ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌।

4. शनि गायत्री मंत्र
ओम भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्

5. शनि आरोग्य मंत्र
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।

6. शनि दोष निवारण मंत्र
ओम त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।
ओम शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयोरभिश्रवन्तु नः।
ओम शं शनैश्चराय नमः।।

7. क्षमा हेतु शनि मंत्र

अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया।
दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दु: खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योहं तव दर्शनात्।।

नोट- खबरों की अपडेट के लिए जनता से रिश्ता पर बने रहे।

Similar News

-->