चाणक्‍य नीति: गलत तरीके से कमाया पैसा एक निश्चित समय के बाद हो जाता है नष्‍ट

महान विद्वान और अर्थशास्‍त्री आचार्य चाणक्‍य ने धन को लेकर बहुत काम की बातें बताई हैं

Update: 2022-04-17 06:50 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  महान विद्वान और अर्थशास्‍त्री आचार्य चाणक्‍य ने धन को लेकर बहुत काम की बातें बताई हैं. उनकी नीतियां न केवल व्‍यक्ति को धनवान बनने में मदद करती हैं, बल्कि उसके धन को हमेशा सुरक्षित भी रखती हैं. चाणक्‍य नीति कहती है कि यदि व्‍यक्ति खूब धनवान बन भी जाए तो कुछ स्थितियों में उसका धन नष्‍ट हो जाता है.

ऐसा पैसा हो जाता है नष्‍ट
चाणक्‍य नीति में एक श्‍लोक है, 'अन्यायोपार्जितं द्रव्यं दश वर्षाणि तिष्ठति. प्राप्ते एकादशे वर्षे समूलं च विनश्यति'. इसका अर्थ है कि मां लक्ष्‍मी चंचल होती हैं. यदि गलत तरीकों से धन कमाया गया तो मां लक्ष्‍मी नाराज होकर चली जाती हैं. अनैतिक तरीकों से चोरी, धोखे, अन्‍याय, जुआ आदि के जरिए कमाया गया धन हमेशा साथ नहीं रहता है.
इतने दिन में हो जाता है नष्‍ट
आचार्य चाणक्य अपने इस श्‍लोक में कहते हैं कि ऐसे गलत तरीकों से कमाया गया पैसा बमुश्किल 10 साल तक ही रहता है. इसके बाद 11वें वर्ष से ही ऐसा पैसा धीरे-धीरे नष्ट होने लगता है. इसलिए व्यक्ति को कभी भी अनैतिक तरीके से पैसा नहीं कमाना चाहिए क्‍योंकि उसे बुरे कर्मों का फल भी झेलना पड़ता है और कुछ समय बाद ऐसे धन नष्‍ट भी हो जाता है. फिर चाहे वजह कोई दुर्घटना, बीमारी, नुकसान या अन्‍य कारण हो.
बेहतर होगा कि ईमानदारी से पैसा कराएं और उसका एक हिस्‍सा दान में दें. इससे आपके घर में हमेशा बरकत रहेगी और आप दिन-दूनी रात-चौगुनी तरक्‍की करेंगे.


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