चांदी को धारण करने से व्यक्ति के शरीर में बना रहता है मौजूद जल तत्व का संतुलन
हिंदू धर्म में चांदी (Silver) को शुद्ध और प्रभावशाली धातु बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि चांदी भगवान शंकर के नेत्रों से उत्पन्न हुई है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिंदू धर्म में चांदी (Silver) को शुद्ध और प्रभावशाली धातु बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि चांदी भगवान शंकर के नेत्रों से उत्पन्न हुई है. इसलिए चांदी का इस्तेमाल सिर्फ आभूषणों के लिहाज से नहीं, बल्कि ग्रह दोष दूर करने, वैवाहिक जीवन बेहतर बनाने, संतान सुख प्राप्त करने और दिमाग तेज रखने के लिए किया जाता है. आइए जानते हैं इसके बारे में...
चांदी को धारण करने से व्यक्ति के शरीर में मौजूद जल तत्व का संतुलन रहता है, और उसके शरीर का टेम्परेचर भी नियंत्रित रहता है. इससे चंद्र और शुक्र का अनुकूल प्रभाव प्राप्त होता है और ग्रह की बाधाओं का नाश हो जाता हैज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चांदी की चेन गले में धारण करने से हार्मोन से जुड़ी समस्या खत्म हो जाती है. ये व्यक्ति को रोमांटिक बनाती है, जिससे वैवाहिक जीवन भी काफी बेहतर हो जाता है. हालांकि जिन लोगों को अक्सर सर्दी-जुकाम की शिकायत रहती है वे चांदी की चेन गले के बजाए हाथ में पहने, वरना परेशानी बढ़ सकती है.
ऐसा कहा जाता है कि शुद्ध चांदी का कड़ा पहनने से वात, पित्त और कफ नियंत्रित रहता है और कोई भी व्यक्ति जल्दी बीमार नहीं पड़ता है. चांदी आपकी तरक्की में भी अहम रोल निभाती है. अगर चांदी के चौकोर टुकड़े को आप अपनी जेब में रखें तो जीवन में तरक्की शुरू हो जाती है, और हर क्षेत्र में सफलता मिलती है.
लाल किताब में भी बताया गया है कि अगर कमजोर शुक्र के कारण आपको संतान सुख नहीं मिल पा रहा है तो चांदी आपकी समस्या दूर कर सकती है. चांदी के तार को गर्म करके ठंडे दूध में डालें और तार को ठंडा कर लें. फिर उस दूध को पी लें. 40 दिन ये नियम करने से शुक्र मजबूत होता है और संतान सुख में आने वाली बाधा दूर हो सकतीलाइफ को रोमांटिक बनाने के लिए चांदी के बर्तन में खाना खाने की सलाह दी जाती है. हालांकि हर किसी के लिए ऐसा कर पाना संभव नहीं है. इसलिए आप चम्मच, गिलास आदि में से किसी एक का भी प्रयोग कर सकते हैं. चांदी के बर्तन हमेशा बैक्टीरिया फ्री रहते हैं. इसलिए ऐसे बर्तन में खाना खाने से आपका स्वास्थ्य भी बढ़िया रहता है.
चांदी का कोई भी आभूषण पहनने से न सिर्फ आपका चंद्रमा मजबूत होगा, बल्कि आपका मन भी संतुलित रहेगा. आप बेवजह की चिंताओं से दूर रहेंगे, जिस कारण आपका दिमाग किसी भी कार्य में काफी तेजी से काम करेगा.