विदुर नीति की बातों को हमेशा रखे ध्यान
महात्मा विदुर कहते हैं पैसों का सही इस्तेमाल करें।
हिन्दू ग्रंथों में जीवन-जगत के व्यवहार में राजा और प्रजा के दायित्वों की विधिवत नीति की व्याख्या करने वाले महापुरुषों में महात्मा विदुर सुविख्यात हैं। उनकी विदुर-नीति वास्तव में महाभारत युद्ध से पूर्व युद्ध के परिणाम के प्रति शंकित हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र के साथ उनका संवाद है। महात्मा विदुर के पिता ऋषि वेदव्यास थे। इनका जन्म एक दासी के गर्भ से हुआ था। इसलिए, गुणों से परिपूर्ण होने के बाद भी विदुर कभी हस्तिनापुर के राजा नहीं बन पाए।
तो आइए जानते हैं विदुर नीति की बातों को –
महात्मा विदुर कहते हैं पैसों का सही इस्तेमाल करें। जिस धन को खर्च करने से मन में सवाल उठ रहे हों या फिर किसी प्रकार की कोई हानी हो तो उसका खर्च करने का ख्याल हटा देना चाहिए।
विदुर नीति में कहा गया है कि सही तरीके से अर्जित किया हुआ धन यश दिलाता है और आर्थिक तरक्की का मार्ग भी बनाता है। इसलिए व्यक्ति को हमेशा सत्य के रास्ते पर चलना चाहिए लेकिन आजकल लोग जल्दी धन कमाने के चक्कर में गलत रास्ता पकड़ लेते हैं। और गलत रास्ते से कमाया हुआ धन बर्बादी का कारण बनता है।
विदुर नीति में बताया गया है कि धन के बचत के लिए मन को काबू रखना जरूरी है। मनुष्य का मन बदलता रहता है। हाथ में धन आते ही वो उसे खर्च करने पर विचार करने लगता है और अक्सर इसी चक्कर में हानी भी होती है। इसलिए अपने मन पर काबू रखना बेहतर होगा तभी सही से बचत कर पाएंगे।
महात्मा विदुर के अनुसार जीवन में हालात कैसे भी हों, हमेशा धैर्य बनाए रखना चाहिए। बुरे समय में धैर्य खोकर गलत काम न करें और ज्यादा पैसा होने पर भी बुरी लतों के चक्कर में न फंसे। दोनों ही स्थितियों में धैर्य बनाए रखें। वरना जीवन बर्बाद हो सकता है।