संबंध बनाने के बाद महिला और पुरूष को जरूर करे ये काम, नहीं तो होगा अपशगुन
आचार्य चाणक्य को भारतीय राजनीति, कूटनीति और अर्थशास्त्र का पितामह कहा जाता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आचार्य चाणक्य को भारतीय राजनीति, कूटनीति और अर्थशास्त्र का पितामह कहा जाता है। उन्होंने अपनी नीतियों में ना केवल सफलता के मूलमंत्र का उल्लेख किया है बल्कि जीवन के हर पहलू पर बात की है। उन्होंने मनुष्य को जीवन की कई ऐसी गूढ़ बातें जिसे मानकर व्यक्ति जीवन में कभी भी मात नहीं खा सकता। वैसे तो चाणक्य ने अर्थशास्त्र के संबंध पर काफी कुछ लिखा है, लेकिन उन्होंने खुशहाल जीवन और उन्नति के बारें में भी कई बातें बताई है। जिनका पालन कर आप भी अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं।
आचार्य चाणक्य ने मनुष्य के जीवन से जुड़ी कई गूढ़ बातें बताई है जिनका अनुसरण करने से मनुष्य को जीवन हर जगह सफलता मिलती है। आचार्य चाणक्य के द्वारा बताए गए नीतियों का पालन कर मनुष्य जीवन में कभी भी मात नहीं खा सकता है
अक्सर यह देखा जाता है कि कई बार हम ऐसे काम कर देते है जो हमें बाद में नुकसान पहुंचाते हैं। इसी कड़ी में आचार्य चाणक्य ने हमारी दिनचर्या से जुड़ी कामों को लेकर भी कई बातें कही है। इन्हीं में से एक है नहाने के बारे में। चाणक्य ने बताया है कि हमें किस समय नहाना चाहिए और किस समय नहीं। आचार्य चाणक्य ने बताया कि कुछ ऐसे काम हैं जिसको करने से पहले और करने का बाद जरूर स्नान करना चाहिए। ऐसा न करने से इसका असर मनुष्य के लिए अपशगुन हो सकता है।
आमतौर में तो हम रोज सुबह नहाते है, लेकिन आचार्य के अनुसार जब इन परिस्थियों में हो तो जरूर नहाएं। ऐसा न करने से हमारी सेहत में इसका असर पड़ सकता है, क्योंकि हमारे खान-पान के साथ-साथ दिनचर्या से ही हमारी सेहत में असर पड़ता है। आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र में एक श्लोक में व्यक्ति को नहाने से संबंधित नियम सुझाए हैं। इन नियमों के तहत व्यक्ति को इस कार्य के बाद अवश्य नहाना चाहिए अन्यथा वह अपने स्वास्थ्य को संकट में डाल सकता है।
चाणक्य नीति के आठवें अध्याय के छठे श्लोक में बताया गया है कि ऐसे कौन से 4 काम हैं जिन्हें करने के बाद इंसान को तुरंत नहा लेना चाहिए।
श्लोक
तैलाभ्यङ्गे चिताधूमे मैथुने क्षौरकर्मणि।
तावद् भवति चाण्डालो यावत् स्नानं न चाचरेत्।।
इस श्लोक का मतलब है कि व्यक्ति जब तक मालिश करने के बाद, स्मशान घाट में चिता का धुआं शरीर पर आने के बाद, सम्भोग के बाद, दाढ़ी बनाने के बाद स्नान नहीं कर लेता तब तक वह चांडाल ही माना जाता है।
संबंध बनाने के बाद महिला और पुरूष जरूर करें स्नान
आचार्य चाणक्य इस श्लोक के माध्यम से उल्लेख करते हुए कहते हैं कि स्त्री और पुरुष दोनों को प्रेम प्रसंग के बाद जरूर नहाना चाहिए। क्योंकि इससे शरीर अपवित्र हो जाता है, पवित्रता भंग हो जाती है। इसके बाद कोई पवित्र कार्य नहीं किया जा सकता। इसलिए शरीर की पवित्रता बरकरार रखने के लिए संभोग के बाद स्नान जरूर करें।
शरीर की तेल से मालिश के बाद स्नान जरूरी
हमारें शरीर को तेल की अधिक मात्रा में जरूरत होती है, क्योंकि इसी से हमारा शरीर चमकदार और सेहतमंद बनता है। इसलिए सप्ताह में एक दिन जरूर तेल से मालिश करनी चाहिए, लेकिन साथ में इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए कि तेल मालिश के बाद तुरंत नहा लें। ऐसा करने से आपके शरीर की पूरी गंदगी बाहर निकल जाएगी जिससे आपकी त्वचा चमकदार और सेहतमंद हो हो जाती। इसके साथ ही मालिस करने के तुरंत बाद स्नान करें। इसके बाद ही घर से बाहर कदम निकाले।
बाल कटवाने के बाद जरूर नहाएं
आचार्य चाणक्य ने बताया कि जब हम अपने बाल कटवाते है तो वह हमारे शरीर में छोटे-छोटे बाल चिपक जाते है जो बिना नहाए नही हट सकते है। इसलिए हमें नहाना जरुर चाहिए। जिससे हमें सेहत संबंधी कोई भी समस्या न हो। और बाल हमारे शरीर से हट जाएं।
दाह संस्कार से वापस आने के बाद स्नान जरूरी
अगर किसी की मृत्यु हो गई है और आप उसकी शवयात्रा में जा रहे हैं तो वहां से वापस आकर तुरंत स्नान करना चाहिए। बिना स्नान करें घर के अंदर भी प्रवेश नहीं करना चाहिए। आचार्य चाणक्य के अनुसार जब आप श्मशान जाते हैं तो वहां पर अनेकों तरह के कीटाणु होते हैं जो आपके शरीर के साथ कही न कही चिपक कर चले आते हैं। इसलिए तुरंत आकर नहाना चाहिए जिससे वह कीटाणु आपके घर में न फैलें। इसके साथ ही आपके और परिवार के किसी सदस्य की सेहत पर बुरा असर न पड़े