टीकाकरण को लेकर झिझक रहे अभिभावक, इतने को नहीं लगा टीका

पाली। पाली डिप्थीरिया, काली खांसी व टिटनेस से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी है। यह टीके बच्चे के जन्म के बाद अलग-अलग समय पर लगाए जाते हैं। जिससे बच्चे बीमारी से बचे रहे, लेकिन जिले के स्कूलों में पढ़ने वाले 47 हजार 741 बच्चों के यह तीनों टीके नहीं लगे है। डिप्थीरिया से ग्रसित बच्चे …

Update: 2024-01-26 06:29 GMT

पाली। पाली डिप्थीरिया, काली खांसी व टिटनेस से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी है। यह टीके बच्चे के जन्म के बाद अलग-अलग समय पर लगाए जाते हैं। जिससे बच्चे बीमारी से बचे रहे, लेकिन जिले के स्कूलों में पढ़ने वाले 47 हजार 741 बच्चों के यह तीनों टीके नहीं लगे है। डिप्थीरिया से ग्रसित बच्चे कुछ समय पहले जिले के जैतारण में मिले थे। इसके अलावा भी प्रदेश में कई जगह ऐसे बच्चे मिले। इस पर चिकित्सा विभाग की ओर से 5 फरवरी तक टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है, लेकिन कई अभिभावक टीका लगवाने से मना कर रहे है। जबकि यह टीके लगवाने से बच्चों में संक्रमण का खतरा कम होता है और कोई नुकसान भी नहीं है।
यह संक्रामक रोग है, जो 2 वर्ष से लेकर 11 वर्ष तक की आयु के बच्चों में अधिक होता है। यह रोग मुख्य रूप से गले में होता है और टॉन्सिल को भी प्रभावित करता है। ज्वर, अरुचि, सिर तथा शरीर में पीड़ा आदि इसके लक्षण है। विशेष हानिकारक प्रभाव हृदय पर पड़ता है। कूकर कास, कूकर खांसी या काली खांसी जीवाणु संक्रमण से होती है। नाक व गले को प्रभावित करती है। यह रोग 2 वर्ष से कम आयु के बच्चों की श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है। यह बोर्डेटेल्ला परट्यूसिया कहलाने वाले जीवाणु के कारण होता है।

टिटेनस संक्रामक रोग है। जिससे कंकाल पेशियों को नियंत्रित करने वाली तंत्रिका-कोशिकाएं प्रभावित होती हैं। यह रोग मिट्टी में रहने वाले बैक्टीरिया से घावों के प्रदूषित होने के कारण होती है। यह बैक्टीरिया जंग लगी लोहों की चीजों, धातु के टुकड़ों या कीड़ों के काटने, जलने या त्वचा के फटने से बनता है। डीपीटी 5 टीका पांच वर्ष तक के बच्चों को डिप्थीरिया, काली खांसी व टिटनेस से बचाने के लिए लगाया जाता है। पाली ब्लॉक में 301, रोहट में 929, देसूरी में 1391, खारची में 958, सोजत में 1008, रानी में 1265, सुमेरपुर में 273, बाली में 1904 को टीका लगना है। सभी यूपीएचसी क्षेत्र में 2973 बच्चों को टीका लगाया जाना है। टीडी 10 टीका 11 वर्ष की आयु में चल रहे बच्चों के लगाया जाना है। पाली ब्लॉक में 797, रोहट में 907, देसूरी में 2429, खारची में 1852, सोजत में 2240, रानी में 2520, सुमेरपुर में 1087 व बाली ब्लॉक में 3284 बच्चे इस टीके से वंचित है। इसके अलावा सभी यूपीएचसी पर 4886 बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ है। टीडी 16 टीका 16 वर्ष आयु में चल रहे बच्चों के लिए है। पाली ब्लॉक में 650, रोहट में 1108, देसूरी में 1415, खारची में 1111, सोजत में 1394, रानी में 2204, सुमेरपुर में 1372 व बाली ब्लॉक में 4102 बच्चों का टीकाकरण शेष है। वहीं सभी यूपीएचसी क्षेत्र के 3381 बच्चों का टीकाकरण नहीं किया गया है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार कुछ समय पहले पांच वर्ष से अधिक के बच्चों में भी डिप्थीरिया के लक्षण पाए गए थे। इस पर जिले में टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है। यह टीके सभी स्कूलों, मदरसों व निजी स्कूलों में बच्चों को लगाए जाने है। अभिभावकों व अध्यापकों को इसमे सहयोग करना चाहिए। यह टीके बीमारियों से बचाने वाले है।

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