सोलन। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत की एक और दवा को लेकर अलर्ट जारी किया है। भारत सहित तुर्की के बाजार में लिवर की इस नकली दवा को बेचा जा रहा है। डेफिटेलियो के बैच नंबर 20जी20ए की दवा नकली है। यह नकली दवा भारत में (अप्रैल 2023) और तुर्की (जुलाई 2023) में पाई गई। यही नहीं, विनियमित और अधिकृत चैनलों के माध्यम से बाहर आपूर्ति की गई। इस दवा की असल निर्माता कंपनी ने इस बैच नंबर की दवा का निर्माण ही नहीं किया है। यही नहीं, भारत व तुर्की में मार्कीटिंग का अधिकार भी कंपनी के पास नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि इस दवा का उपयोग हेमेटोपोएटिक स्टेम-सैल ट्रांसप्लांटेशन (एचएससीटी) थैरेपी में गंभीर हैपेटिक वेनो-ओक्लूसिव बीमारी (वीओडी) के इलाज के लिए किया जाता है, जिसे साइनसोइडल ऑब्सट्रक्टिव सिंड्रोम (एसओएस) के रूप में भी जाना जाता है। इसका इस्तेमाल वयस्कों, किशोरों, बच्चों और एक महीने से अधिक उम्र के शिशुओं के इलाज के लिए भी होता है। वी.ओ.डी. एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लिवर में नसें ब्लॉक हो जाती हैं और अंग को सही ढंग से काम करने से रोक देती हैं।
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य निकाय के अनुसार, डेफिटेलियो के वास्तविक निर्माता ने पुष्टि की है कि अलर्ट में संदॢभत उत्पाद गलत है। संगठन ने इस दवा की असली निर्माता कंपनी का वर्जन भी कोट किया है। कंपनी ने कहा है कि लॉट 20जी20ए के साथ असली डेफिटेलियो को जर्मन/ऑस्ट्रियाई पैकेजिंग में पैक किया गया है, जबकि नकली उत्पाद की पैकेजिंग यूके/आयरलैंड की है। कंपनी ने यह भी बताया है कि दवा के रैपर पर बताई गई एक्सपायरी डेट भी गलत है और रजिस्टर्ड शैल्फ लाइफ का अनुपालन नहीं करती है। इसके अलावा नकली दवाइयों का क्रमांक बैच डेफिटेलियो से संबद्ध नहीं है। कंपनी ने यह भी बताया है कि इस दवा को भारत और तुर्की में मार्कीटिंग करने का अधिकार हासिल नहीं है। यह पहली बार नहीं है जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उक्त दवा के खिलाफ अलर्ट जारी किया है। इससे पहले 7 मई, 2020 को भी अलर्ट जारी किया था। अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, लातविया, मलेशिया और सऊदी अरब जैसे देशों में ये नकली दवा बेची जा रही है। भारत दवा महा नियंत्रक डाॅ. राजीव सिंह रघुवंशी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी अलर्ट की पुष्टि करते हुए बताया कि इस संबंध में सभी राज्य दवा नियंत्रकों को निर्देश जारी किए गए हैं।