जब तीन व्यवसायियों के अपहरण से मच गया हड़कंप, फिर आई चौंकाने वाली खबर

जमुई: जमुई जिले के लक्ष्मीपुर के कर्रा से तीन व्यवसायियों का अपहरण और रिहाई का मामला संदिग्ध है, जिसकी जांच जारी है। पुलिस कप्तान डॉ. शौर्य सुमन ने पत्रकारों को रविवार को यह जानकारी दी। एसपी ने कहा कि सतनदेव कुमार,सुजीत कुमार साह और विकास कुमार साह के अपहरण की सूचना के बाद केस दर्ज …

Update: 2024-01-21 21:24 GMT

जमुई: जमुई जिले के लक्ष्मीपुर के कर्रा से तीन व्यवसायियों का अपहरण और रिहाई का मामला संदिग्ध है, जिसकी जांच जारी है। पुलिस कप्तान डॉ. शौर्य सुमन ने पत्रकारों को रविवार को यह जानकारी दी। एसपी ने कहा कि सतनदेव कुमार,सुजीत कुमार साह और विकास कुमार साह के अपहरण की सूचना के बाद केस दर्ज कर जांच शुरू की गई। अपहृत की बरामदगी के लिए एसडीपीओ सतीश सुमन के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया। जिसमें झाझा थानाध्यक्ष राजेश शरण,पुलिस निरीक्षक सीपी यादव, लक्ष्मीपुर थानाध्यक्ष राजवर्धन कुमार और तकनीकी सेल के पदाचिकारियों को शामिल किया गया।

उन्होंने बताया कि अपहृत तीनों व्यवसायियों से अलग-अलग बात की गई तो अपहरण से लेकर उसके वापसी की बातों में मिलान नहीं था। उसके बाद बदमाश अपहृत के पास से छह हजार रुपये ले लिए, लेकिन तीन में दो कारोबारी के गले से सोने के लॉकेट को नहीं लिया। यह संदेह पैदा करता है। वैज्ञानिक अनुसंधान के क्रम में यह पाया कि फिरौती मांगने का स्थान और अपहृत व्यवसायी के घर के बीच की दूरी पांच से छह सौ मीटर दूर होगा। अपहृत ने अपहरण के बाद मारपीट करने की बात कही लेकिन अपहृत कर शरीर पर मारपीट का कोई निशान नहीं पाया गया।

अपहृत तीनों व्यवसायियों का मोबाइल बंद किया जाना वैज्ञानिक अनुसंधान में पुलिस का मास्टर स्ट्रोक था। इससे तीनों डर गए। साथ ही परिवार से उनका संपर्क टूट गया। जिस बाइक के साथ तीनों का अपहरण हुआ। उसी बाइक से वापस घर आया जो संदिग्ध और संदेहास्पद है। अपहरण को संदिग्ध इसलिए भी कहा जा सकता है कि फिरौती की राशि बाद में देने के आश्वासन के बाद बदमाशों ने अपहृत को छोड़ दिया। मौके पर पुलिस अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सतीश सुमन, लक्ष्मीपुर थानाध्यक्ष राजवर्धन कुमार, एस आई विवेक चौधरी, दिनकर कुमार उपस्थित थे।

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