CBI अधिकारी के खिलाफ यूपी सरकार ने दर्ज कराई शिकायत, जानिए क्या है पूरा मामला
अतीक अहमद से जुड़ा है मामला
नई दिल्ली। 2005 में हुए बसपा विधायक राजू पाल मर्डर की जांच करने वाले सीबीआई अधिकारी अमित कुमार ने इस मामले से जुड़े उमेश पाल अपहरण केस में अतीक के समर्थन में गवाही दी थी। अब उत्तर प्रदेश सरकार ने अतीक अहमद के गवाह बने सीबीआई अधिकारी अमित कुमार के खिलाफ केंद्र सरकार के पास शिकायत दर्ज कराई है। 2005 में हुए बसपा विधायक राजू पाल मर्डर की जांच सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को ट्रांसफर कर दी थी और उस मामले में सीबीआई से विवेचक के तौर पर डिप्टी एसपी अमित कुमार आए थे। अब उन पर दिवंगत माफिया अतीक अहमद को बचाने का आरोप है। उत्तर प्रदेश सरकार के अभियोजन विभाग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से IPS अधिकारी की शिकायत की है। अमित कुमार फिलहाल डिप्टी एसपी पद पर नियुक्त हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक उमेश पाल अपहरण मामले में कोर्ट में गवाही देते हुए CBI अधिकारी अमित कुमार ने दावा किया था कि उमेश खुद आरोपी अतीक अहमद के साथ मिले हुए थे। अखबार ने बताया है कि अमित कुमार ने कोर्ट में बताया था कि जांच के दौरान उन्हें उमेश पाल की किडनैपिंग से जुड़े कोई सबूत नहीं मिले। अमित कुमार पर राजू पाल हत्याकांड में उमेश पाल का नाम गवाहों की सूची से हटाने का भी आरोप है। रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में अमित कुमार ने अदालत में कहा था, "जब उमेश पाल से पूछा गया कि पुलिस शिकायत में हत्या स्थल पर उनकी उपस्थिति का जिक्र क्यों नहीं है तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। जब पूछा गया कि क्या वो हमलावरों के नाम और उनके पते जानते हैं तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. दिल्ली में CBI ऑफिस में उमेश पाल ने राजू पाल की पत्नी के सामने भी स्वीकार किया कि वो हत्या की जगह पर मौजूद नहीं थे। गोली लगने से घायल गवाहों के बयान दर्ज किए जाने के बाद साफ हो गया था कि वो मामले में गवाह नहीं थे।" मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार की शिकायत के बाद गृह मंत्रालय ने जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके लिए CBI की एक टीम प्रयागराज पहुंच गई है जो रिपोर्ट तैयार कर मंत्रालय को सौंपेगी।