अमृत योजना के तहत अब पीएचइडी नहीं रुडिस्को करेगी पेयजल पाइपलाइन बिछाने का काम

Update: 2023-09-15 12:20 GMT
हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ अमृत योजना टू के तहत शहर में पेयजल पाइपलाइनों के ढांचे में सुधार किया जाएगा। लेकिन इसमें पीएचईडी का कोई रोल नहीं होगा। इसकी जगह पर अब रूडिस्को यह कार्य करवाएगी। इसकी डीपीआर कब की तैयार हो चुकी है। हनुमानगढ़ में 60 करोड़ की लागत से कई क्षेत्रों में नई पेयजल पाइप लाइनें व उच्च जलाश्य का निर्माण होना प्रस्तावित है। जनसंख्या 2051 के मुताबिक पेयजल उपलब्धता को लेकर डीपीआर तैयार की गई है। यूं कहें तो हनुमानगढ़ में जो 282 करोड़ का पेयजल प्रोजेक्ट फेल हुआ है। उस डीपीआर में कई महत्वपूर्ण कार्यों को उठाया गया है और उस कार्य को पहले चरण में करवाने के लिए शामिल किया गया है। 60 करोड़ की लागत से होने वाले कार्यों में अबोहर बाइपास पर स्थित मुख्य वाटर वर्क्स में खुदाई की गई 36 एमएलडी डिग्गी का कार्य पूरा किया जाएगा। वर्तमान में हनुमानगढ़ शहर में केवल 12 एमएलडी की स्टोरेज डिग्गी है।
इस पर करीब 16 करोड़ की लागत आएगी। इसके अलावा कई वार्डों में नहरी पानी की सप्लाई के लिए पेयजल पाइप लाइनें बिछाई जाएंगी। गौरतलब है कि पीएचईडी के अधिकारियों ने शहर के पेयजल सप्लाई ढांचे में सुधार लाने के लिए 145 करोड़ का आंकलन किया था। इसके तहत अबोहर बाइपास मुख्य वाटर वर्क्स पर 72 एमएलडी के दो आरडब्ल्यूआर का निर्माण करने का प्रस्ताव तैयार किया था। एक फिल्टर प्लांट और 49 एमएलडी का सीडब्ल्यूआर का निर्माण की योजना तैयार की थी। एक सीडब्ल्यूआर का निर्माण पुरानी खुंजा इलाके में अलग से बनाने की योजना भी डीपीआर में शामिल की गई थी। लेकिन अमृत टू के तहत प्रथम चरण में 60 करोड़ की स्वीकृति ही मिली थी। टाउन व जंक्शन में मुख्य पेयजल पाइपलाइनें और इन पाइपलाइन से डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइनें डालने की योजना थी। इससे पूर्व करीब 250 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। इसमें आरयूआईडीपी के 281 करोड़ के प्रोजेक्ट के तहत पेयजल से संबंधित अधिकांश कार्यों को शामिल किया था। लेकिन इसकी स्वीकृति नहीं मिली। अब यह कार्य रूडिस्को करवाएगी।
घरों में पेयजल से नहरी पानी का सप्लाई किया जाना था। इसलिए पानी की बर्बादी न हो इसके लिए मीटर लगाने की भी योजना थी। करीब चालीस हजार घरों के कनेक्शन किए जाने थे। यह योजना 281 करोड़ के प्रोजेक्ट में शामिल थी। शहर की करीब दो लाख आबादी के घरों में प्रति व्यक्ति 500 लीटर नहरी पानी देने की योजना थी। आरयूआईडीपी का दावा था पेयजल सप्लाई का प्रेशर इतना अधिक होगा कि प्रथम व द्वितीय मंजिल पर रखी टंकी पर पानी पहुंच जाएगा। इसके लिए मोटर की आवश्यकता नहीं होगी और पेयजल की सप्लाई भी 24 घंटे के दावे किए थे। प्रथम चरण में डोर-टू-डोर पेयजल मीटर नहीं लगेंगे। आरयूआईडीपी को शहर के 60 वार्डों में 522 किलोमीटर में पेयजल पाइप लाइन डालनी थी। मुख्य पाइप लाइन बीस किलोमीटर बिछाई जानी थी। इसी आरयूआईडीपी के अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रोजेक्ट फेल हो गया। राज्य स्तर पर अमतृ टू योजना के तहत हनुमानगढ़ में 60 करोड़ की लागत से पेयजल सप्लाई के प्रोजेक्ट पर काम होना प्रस्तावित है। जानकारी मिली है कि इस कार्य को पीएचईडी नहीं रूडिस्को करवाएगी।
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