संजय सिंह को सता रही ये चिंता, पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: पीएम मोदी की डिग्री को लेकर गुजरात हाई कोर्ट की ओर से दायर आपराधिक मानहानि केस में आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह को तात्कालिक राहत मिल गई है। सर्वोच्च अदालत ने गुजरात हाई कोर्ट में लंबित मामले पर स्टे लगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट से कहा है …

Update: 2024-01-16 02:00 GMT

नई दिल्ली: पीएम मोदी की डिग्री को लेकर गुजरात हाई कोर्ट की ओर से दायर आपराधिक मानहानि केस में आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह को तात्कालिक राहत मिल गई है। सर्वोच्च अदालत ने गुजरात हाई कोर्ट में लंबित मामले पर स्टे लगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट से कहा है कि सांसद की स्टे वाली गुजारिश पर चार सप्ताह के भीतर फैसला किया जाए। बीआर गवई और संदीप मेहता की पीठ ने यह आदेश देते हुए संजय सिंह की उस अपील को खारिज कर दिया जिसके तहत उन्होंने ट्रायल को दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने की अपील की थी।

बेंच ने कहा, 'हम ट्रांसफर पीटीशन पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन हाई कोर्ट से गुजारिश करते हैं कि स्टे की अपील या कम से कम अंतरिम राहत पर चार सप्ताह के भीतर सुनवाई करे।' कोर्ट ने आदेश में आगे कहा, 'जब तक हाई कोर्ट अंतरिम राहत देने या खारिज करने पर विचार करे, कार्यवाही (ट्रायल कोर्ट में) पर रोक रहे।' महानहानि केस में संजय सिंह के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम भी आरोपी के तौर पर शामिल है।

पिछले साल 28 दिसंबर को गुजरात में स्थानीय अदालत ने संजय सिंह को ट्रायल में प्रस्तुत करने को कहा था। हालांकि कोर्ट को बताया गया था कि उन्हें दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने गिरफ्तार किया है। संजय सिंह की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'मंशा यह है कि मुझे दोषी करार देकर अयोग्य (राज्यसभा सांसदी से) करार दे दिया जाए, जबकि मेरी स्टे की अपील गुजरात हाई कोर्ट के सामने लंबित है। मैंने गुजरात यूनिवर्सिटी पर एक भी शब्द नहीं कहहा और यूनिवर्सिटी इस केस में शिकायतकर्ता है।'

बेंच ने सिंघवी से कहा, 'यदि अयोग्य ठहराने का आदेश पारित किया जाता है, तो यह कोर्ट है इस बात को देखने के लिए। हम हाई कोर्ट को निर्देश देंगे कि मामले पर एक महीने में फैसला लें। नहीं तो ट्रायल प्रक्रिया पर तब तक रोक रहेगी जब तक वह (संजय सिंह) हिरासत में हैं। मानहानि के मामले में आरोप व्यक्ति को पढ़कर सुनाया जाना चाहिए।'

सिंघवी ने कहा कि यूनिवर्सिटी राज्य सरकार की ओर से वित्तपोषित है और केंद्र सरकार के नियंत्रण में है। बेंच ने कहा, 'आपको जज पर (न्याय के लिए) आशंका क्यों होनी चाहिए।' सिंघवी ने जवाब दिया, 'यह पूरे सिस्टम की बात है। याचिका में मैंने इसे कोलकाता ट्रांसफर करने की अपील की है, या कहीं और भी किया जा सकता है। मैंने कोलकाता कहा क्योंकि यह वह राज्य है जहां से मेरी पार्टी नहीं जुड़ी है।'

संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि केस गुजरात यूनिवर्सिटी ने किया है, जिसने पीएम मोदी की डिग्री को लेकर टिप्पणी को अपने खिलाफ अपमानजनक बताया था। अप्रैल 2016 में गुजरात हाई कोर्ट से इस मामले में एक आदेश के बाद टिप्पणी की गई थी।

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