हेमावास बांध के पानी ने छीना किसानों का रोजगार, खेतों में भरा पानी

Update: 2023-09-11 10:56 GMT
पाली। पाली हेमावास बांध इन दिनों पानी से लबालब है। जो पूरे जिलेवासियों के लिए सुखद खबर है। लेकिन बांध के पेटा काश्त में खेतों में फसल उगाने वाले किसानों के लिए यह मुशबित बना हुआ है। बांध से सीपेज होकर आ रहा पानी यहां के खेतों में भर गया है। जिससे उनकी फसलें खराब हो गई है। ऐसे 50 से ज्यादा किसान है जो इन दिनों परेशान है और सरकार से मुआवजा की आश रखते है। पाली के निकट स्थित हेमावास बांध के पेटा काश्त में 50 से ज्यादा किसानों के खेत है। यहां प्रमुख रूप से किसान सब्जियां और चारा उगाते है। लेकिन इन दिनों हेमावास बांध पानी से लबालब है और उसका पानी सीपेज होकर पेटाकाश्त में स्थित किसानों के खेतों में भर रहा है। ऐसे में यहां उगाई गई मौसम सब्जियों से लेकर चारे की फसल नष्ट हो गई है। इसका असर यह हुआ कि अब खेत की जमीन को फसल उगाने लायक बनने में समय लगेगा।
ऐसे में यह किसान अब नवराता के बाद से ही अपने खेतों में फसल बो सकेंगे। सब्जियों की फसल खराब होने से यहां कि सब्जियों पाली की मंडी में नहीं पहुंच रही है। मानपुरा भाखरी क्षेत्र में हेमावास बांध के पेटाकाश्त में खेती करने वाले किसान भूराराम ने बताया कि सब्जियों की फसल खेत में पानी भरने से जल गई। जिससे उन्हें 40 से 50 हजार का नुकसान हुआ है। यहा पेटाकाश्त में 50 से ज्यादा किसान खेती करते है। और ज्यादातर हरी सब्जियां उगाते है। उन सभी को फसल जलने से 40 से 50 हजार का नुकसान हुआ है। और अब खेत की जमीन को फसल से फसल बोने लायक बनाने में समय लगेगा। नवराता के बाद ही वापस फसल बो सकेंगे। सरकार से उम्मीद करते है कि वे हमें मुआवजा दे। 55 साल की तीजा बाई बताती है कि जब भी हेमावास बांध पूरा भरता है। उसका सीपेज का पानी खेतों में भर जाता है। इस बार भी सीपेज का पानी खेतों में भरने से बैंगन, पालक, लौकी, चारा, चंदलिया आदि फसलें जल गई।
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