प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी के खिलाफ 2.49 एकड़ का भूखंड जब्त किया
नई दिल्ली | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी के खिलाफ धनशोधन जांच के तहत उनकी रिश्तेदार का 30 करोड़ रुपये से अधिक कीमत का 2.49 एकड़ का भूखंड जब्त कर लिया है। ईडी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। ईडी ने बुधवार को तलाशी के दौरान करूर स्थित भूखंड का पता लगाया था और इसे एक निर्माणाधीन बंगले के साथ अब धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 17 (1 ए) के अनुसार जब्ती आदेश के तहत रखा गया है। धनशोधन रोधी कानून की यह विशेष धारा जांच एजेंसी को किसी रिकॉर्ड या संपत्ति को जब्त करने के लिए दी गई शक्तियों से संबंधित है, जहां ऐसे रिकॉर्ड या संपत्ति को जब्त करना व्यावहारिक नहीं है।
ईडी ने एक बयान में कहा कि यह भूखंड करूर जिले के सलेम बाईपास रोड पर है और इसे सेंथिल बालाजी के भाई आरवी अशोक बालाजी की सास पी लक्ष्मी ने ‘‘हासिल’’ किया था। बयान के अनुसार, बाद में इसे लक्ष्मी द्वारा अपनी बेटी और अशोक बालाजी की पत्नी निर्मला को ‘‘उपहार’’ में दे दिया गया था। एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच में पाया गया कि सलेम बाईपास रोड, अंडानकोइल, करूर में स्थित 2.49 एकड़ भूखंड का एक बड़ा हिस्सा पी लक्ष्मी ने अनुराधा रमेश से महज 10 लाख रुपये में हासिल किया था, जबकि भूखंड की वास्तविक कीमत 30 करोड़ रुपये से ज्यादा थी।
ईडी ने कहा है कि अशोक बालाजी, निर्मला और पी लक्ष्मी को कई समन जारी किए गए, लेकिन वे ‘‘अभी तक व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हुए हैं, जो जांच में सहयोग की कमी को दर्शाता है।’’ सेंथिल बालाजी (47) वर्तमान में यहां पुझल जेल में बंद हैं और वह 14 जून को धनशोधन मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार में बिना विभाग के मंत्री बने हुए हैं। नौकरियों के बदले नकदी घोटाला उस वक्त का है, जब सेंथिल बालाजी पिछली ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) सरकार के दौरान परिवहन मंत्री थे। बाद में वह द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) में शामिल हो गए। सेंथिल बालाजी सत्र अदालत के आदेश के आधार पर 12 अगस्त तक ईडी की हिरासत में हैं।