सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा हमारे आने वाली पीढ़ी को लगातार प्रेरणा देती रहेगी : पीएम मोदी

Update: 2022-01-23 13:29 GMT

दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली स्थित इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस (Subhas Chandra Bose) की 125वीं जयंती पर उनकी होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया. होलोग्राम का सटीक प्रभाव पैदा करने के लिए उस पर नेताजी की 3D तस्वीर लगाई गई है. होलोग्राम प्रतिमा 28 फीट ऊंची और 6 फीट चौड़ी है. पीएम मोदी ने 21 जनवरी को घोषणा की थी कि इंडिया गेट (India Gate) पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा स्‍थापित की जाएगी और जब तक ग्रेनाइट से बनी यह प्रतिमा पूरी नहीं हो जाती, तब तक वहां उनकी एक होलोग्राम प्रतिमा लगेगी.

प्रतिमा के अनावरण के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत मां के वीर सपूत सुभाष चंद्र बोस ने बड़े गर्व के साथ अंग्रेजी सत्ता के सामने कहा था कि वे स्वतंत्रता की भीख नहीं लेंगे, बल्कि इसे हासिल करेंगे. उन्होंने कहा, "नेताजी ने स्वाधीन भारत का भरोसा दिलाया था. उनकी इस डिजिटल प्रतिमा के स्थान पर जल्द ही विशाल प्रतिमा लगेगी. ये प्रतिमा आजादी के महानायक को एक कृतज्ञ राष्ट्र की श्रद्धांजलि है. ये प्रतिमा हमारे आने वाली पीढ़ी को लगातार प्रेरणा देती रहेगी." इस दौरान पीएम मोदी साल 2019, 2020, 2021 और 2022 के लिए 'सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार' भी प्रदान किया. इसके तहत कुल 7 पुरस्कार दिए गए. केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत में विभिन्‍न लोगों और संगठनों द्वारा प्रदान किए गए अमूल्य योगदान और नि:स्वार्थ सेवा की सराहना और सम्मानित करने के लिए वार्षिक सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की शुरुआत की है. इस पुरस्कार के तहत किसी संस्था के मामले में उसे 51 लाख रुपए का नकद पुरस्कार एवं एक प्रमाण पत्र और किसी व्यक्ति के मामले में उसे 5 लाख रुपये एवं एक प्रमाण पत्र दिया जाता है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में वर्षों तक आपदा का विषय कृषि विभाग के पास रहा था. उन्होंने कहा, "इसका मूल कारण ये था कि बाढ़, अतिवृष्टि, ओले गिरना, इनसे बनी स्थितियों से निपटने का जिम्मा कृषि मंत्रालय के पास था. देश में आपदा प्रबंधन ऐसे ही चल रहा था. लेकिन 2001 में गुजरात में भूकंप आने के बाद जो कुछ हुआ, उसने आपदा प्रबंधन के मायने बदल दिए. हमने तमाम विभागों और मंत्रालयों को राहत और बचाव के काम में झोंक दिया. उस समय के जो अनुभव थे, उनसे सीखते हुए ही 2003 में गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन कानून बनाया गया."

उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए गुजरात इस तरह का कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य बना था. पीएम ने कहा कि बाद में केंद्र सरकार ने, गुजरात के कानून से सबक लेते हुए, 2005 में पूरे देश के लिए ऐसा ही आपदा प्रबंधन कानून बनाया. उन्होंने कहा, "हमने NDRF को मजबूत किया, उसका आधुनिकीकरण किया, देश भर में उसका विस्तार किया. स्पेस टेक्नालजी से लेकर प्लानिंग और मैनेजमेंट तक, सबसे बेहतरीन तरीके को अपनाया गया."

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