शिवसेना बनाम शिवसेना की लड़ाई जारी, एकनाथ शिंदे देर रात गोवा पहुंचे, जानें वजह
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे देर रात गोवा के ताज होटल पहुंचे जहां शिवसेना के बागी गुट के सभी विधायक मौजूद हैं. मुख्यमंत्री शिंदे आज दोपहर बाद बागी गुट के विधायकों के साथ मुंबई लौटेंगे. जानकारी के मुताबिक, गोवा के होटल में ही आज शिवसेना के बागी गुट के विधायकों की बैठक भी होनी है. बैठक के बाद बागी गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे. इसके बाद सभी विधायक और सीएम शिंदे मुंबई के लिए रवाना होंगे.
महाराष्ट्र में 9 दिनों तक चले सियासी घमासान के बाद गुरुवार को शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद जबकि देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी. शिंदे हालांकि सीएम तो बन गए हैं लेकिन उनके सामने चुनौतियां बरकरार है.
दरअसल, 3 जुलाई से महाराष्ट्र विधानसभा का सत्र बुलाया गया है. विधानसभा के इस सत्र में शिवसेना के बागी गुट के नेता भी पहुंचेंगे. इस दौरान उद्धव और शिंदे गुट के दावे भी साफ हो जाएंगे कि कितने विधायकों को किस गुट का समर्थन प्राप्त है.
बता दें कि शिंदे ने अपने पक्ष में 39 विधायकों के होने का दावा किया था. इसके बाद उद्धव गुट की ओर से भी दावा किया गया था कि बागी विधायकों में से कुछ हमारे समर्थन में हैं. ऐसे में विधानसभा सत्र के दौरान दोनों गुटों के दावे कितनी सही साबित होंगे ये स्पष्ट हो जाएगा.
बीजेपी विधायक राहुल नार्वेकर ने विधानसभा अध्यक्ष चुनाव के लिए विधान भवन में नामांकन दाखिल किया है. 3 जुलाई को चुनाव है. बता दें कि महाराष्ट्र में स्पीकर का पद दो साल से खाली है. विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन 3 जुलाई को स्पीकर का चुनाव होगा. नाना पटोले के स्पीकर पद छोड़ने के बाद से स्पीकर का पद खाली है. शिंदे सरकार को 4 जुलाई को बहुमत साबित करना होगा. इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है.
उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे की इस पूरी लड़ाई में हिंदुत्व और बाला साहेब की चर्चा ही दिखाई दी. सीएम बनने से पहले देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान भी उन्होंने आरोप लगाया कि उद्धव सरकार बाला साहेब के हिंदुत्व से समझौता कर रही है.
देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा था कि वो सत्ता के लालच में नहीं बल्कि हिंदुत्व के मुद्दे पर एकनाथ शिंदे को समर्थन दे रहे हैं. इससे पहले शिंदे गुट के एक विधायक ने आरोप लगाया था कि उद्धव ठाकरे सरकार में शिवसेना विधायकों की सुनवाई नहीं होती है, जबकि कांग्रेस और एनसीपी के विधायक उद्धव से सीधे मिल सकते हैं.