शिमला। सावधान! साइबर ठग अब पेंंशनधारकों को झांसे में फंसाकर उन्हें ठगी का शिकार बना रहे है। साइबर ठग खुद को बैंक कर्मी बताकर पेंशनरोंं से बैंक संबंधि जानकारी पूछ रहे है। इस तरह के झांसे में फंसाकर शातिर पेंशनर के बैंक खातों से राशि उड़ा रहे है। प्रदेश में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है। शातिर साइबर ठगी के लिए आए दिन नए-नए हथकंडे अपनाकर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे है। एसपी साइबर क्राइम रोहित मालपानी ने कहा कि डिजिटल तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के साथ साइबर क्राइम के मामलों में दिन-प्रतिदिन इजाफा हो रहा है। हालांकि इसे रोकने लिए सरकार कदम भी उठा रही है, लेकिन हमें स्वयं भी जागरूक होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सावधानी से ही साइबर क्राइम से बचा जा सकता है।
एसपी रोहित मालपानी ने पेंशनधारकों के लिए सावधानी बरतने के लिए कहा है। एसपी ने कहा कि पेंशन धारक स्वयं बैंक में जाकर एसएमएस अलर्ट को चालू करवाए, ताकि हर छोटी बड़ी निकासी की सूचना उन तक एसएमएस के जरिए तुरंत पहुंचे। उन्होंने कहा कि सभी पेंशन धारक अलर्ट रहे कि यदि उन्हें किसी अंजान नंबर से फोन आए तो उसके साथ अपनी कोई भी गोपनीय जानकारी जैसे कि एटीएम कार्ड, पिन, पासवर्ड और ओटीपी आदि शेयर न करें। एसपी रोहित मालपानी ने कहा कि अपनी बैंक खाते की पास बुक को भी पेंशन धारक समय-समय पर अपडेट करें। एसपी ने कहा कि साइबर ठगी का शिकार होने पर अपनी शिकायत जल्द से जल्द बैंक, नजदीकी थाना या साइबर क्राइम थाना में दर्ज करवाए। साइबर सैल शिमला ने इस बारे में एडवाइजरी जारी की है। साइबर सैल शिमला के एसपी रोहित मालपानी ने बताया कि विज्ञान की बनाई हर चीज के भी दो पहलू है। सही इस्तेमाल वरदान है, तो दुरुपयोग अभिशाप बन सकता है।