कांग्रेस में बवाल-ही-बवाल: अब बिहार हाईकमान ने रोका नया टीम का एलान, जानें वजह
बिहार कांग्रेस में बदलाव के प्रस्ताव को लेकर मचे भारी बवाल के मद्देनजर पार्टी हाईकमान ने संगठन में फेरबदल की घोषणा को फिलहाल रोक दिया है
बिहार कांग्रेस में बदलाव के प्रस्ताव को लेकर मचे भारी बवाल के मद्देनजर पार्टी हाईकमान ने संगठन में फेरबदल की घोषणा को फिलहाल रोक दिया है। सूबे के अधिकांश वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास के बदलाव के प्रस्ताव पर गंभीर सवाल उठाते हुए हाईकमान से शिकायत की है कि सामाजिक समीकरण की अनदेखी कर हल्के नेताओं को संगठन में लाने की कोशिश की जा रही है।
...तो डूब जाएगी बची-खुची सियासत
इन नेताओं ने आलाकमान को यह संदेश भी दे दिया है कि भक्त चरण दास की सिफारिशों के अनुरूप संगठन में बदलाव किया गया तो सूबे में कांग्रेस की बची-खुची सियासत भी डूब जाएगी। समझा जाता है कि वरिष्ठ नेताओं के गंभीर एतराज को देखते हुए शीर्ष नेतृत्व ने बिहार कांग्रेस की प्रस्तावित नई जंबो टीम की घोषणा फिलहाल टाल दी है।
भक्त चरण दास की हाईकमान से शिकायत
पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रदेश कांग्रेस में बदलाव की विवादास्पद लिस्ट को लेकर सूबे के कई वरिष्ठ नेताओं ने भक्त चरण दास की हाईकमान से शिकायत की है कि अपने चहेते लोगों को लाकर प्रभारी प्रदेश संगठन को अपनी जेब में रखना चाहते हैं।
राहुल ने दिए नेताओं से चर्चा करने के निर्देश
बताया जाता है कि फेरबदल के प्रस्ताव पर चौतरफा कड़े विरोध को देखते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को भक्त चरण दास को बुलाकर सूबे के नेताओं से इस पर चर्चा करने का निर्देश दिया है। संगठनात्मक बदलाव पर राज्य के नेताओं से नए सिरे से सलाह-मशविरा होने तक फेरबदल की घोषणा रोक दी गई है।
यह दिया था प्रस्ताव
दास ने दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले विधायक राजेश राम को बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव किया था। इसके साथ ही आठ कार्यकारी अध्यक्ष, 12 उपाध्यक्ष तथा 25 महासचिव वाली जंबो समिति वाली लिस्ट कांग्रेस अध्यक्ष को हरी झंडी के लिए भेज दिया था। दास खुद दलित वर्ग से आते हैं और ऐसे में राजेश राम के पक्ष में उनकी खुली लाबिंग को प्रदेश कांग्रेस के नेता पक्षपाती नजरिये से देख रहे हैं।
प्रस्ताव पर उठे सवाल
सूबे के वरिष्ठ नेताओं अखिलेश सिंह, अनिल शर्मा, विजय शंकर दुबे, किशोर कुमार झा समेत कई अन्य नेताओं ने हाईकमान से मिलकर या लिखित रूप से प्रभारी के प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए इस पर अपना एतराज जाहिर किया है।
संगठन में बदलाव का उचित समय नहीं
बिहार कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने दैनिक जागरण से कहा कि यह सच है कि प्रभारी ने फेरबदल का जो प्रस्ताव दिया है वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ सूबे के वरिष्ठ नेताओं से हुई बातचीत के अनुरूप नहीं है। उनका यह भी कहना था कि बिहार में पंचायत व जिला परिषद चुनाव की घोषणा हो चुकी है और संगठन में बदलाव के लिए यह उपयुक्त समय नहीं है।
हाईकमान ने टाला एलान
अखिलेश सिंह ने संकेत दिया कि फेरबदल पर उठे गंभीर सवालों के मद्देनजर ही हाईकमान ने फिलहाल एलान को टाल दिया है। एक अन्य वरिष्ठ नेता किशोर कुमार झा ने कहा कि संगठन को मजबूत बनाने की बजाय दास बिहार कांग्रेस को अपनी जेब में रखना चाहते हैं।
प्रभारी की मनमानी पर लगे रोक
झा ने कहा कि संगठन की जंबो लिस्ट में प्रभारी ने कई ऐसे लोगों को शामिल किया जो आपराधिक पृष्ठभूमि के कारण बदनाम रहे हैं। कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी अनौपचारिक बातचीत में उनकी बातों से सहमति जताते हुए साफ कहा कि प्रभारी की मनमानी नहीं रोकी गई तो सूबे में पार्टी का बंटाधार तय है।