रेस्क्यू टीम को मिली बड़ी सफलता, 4 बंधक श्रमिकों को लेकर तमिलनाडु से छत्तीसगढ़ रवाना हुए
कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के चार श्रमिकों को बंधक से मुक्त करने उन्हे सकुशल वापस लाने के लिए रेस्क्यू टीम तमिलनाडु पहुंची गई है। रेस्क्यू टीम ने तमिलनाडु के करूर जिले में बंधक बनाए गए श्रमिकों को हाल-चाल जाना और स्थानीय जिला प्रशासन की मदद से रेस्क्यू टीम सभी श्रमिकों को मुक्त कराने में सफल भी रही। रैस्क्यू टीम सभी श्रमिकों को सकुशल अपने साथ छत्तीसगढ़ रवाना हो गई है। इधर कबीरधाम कलेक्टर जनमेजय महोबे भी लगातार स्थानीय करूर जिले के कलेक्टर से संपर्क बनाए रहे और रेस्क्यू टीम को उनका लगातार मदद भी मिली।
वनांचल क्षेत्र, पंडरिया विकासखंड के ग्राम पंचायत अमानिया के आश्रित गांव अमलीटोला के 4 युवा बैगा के तमिलनाडु राज्य में ठेकेदार द्वारा बंधुआ मजदूर बनाए जाने की जानकारी मिलने पर कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने गंभीरता से लेते हुए तत्काल संज्ञान में लिया और 5 सदस्यीय अधिकारियों की टीम गठित की। राजस्व, श्रम, बाल संरक्षण, और पुलिस विभाग की गठित संयुक्त टीम तमिलनाडु के कुरूर जिले से 4 बंधक श्रमिको को मुक्त कर छत्तीसगढ़ सकुशल घर वापसी हो रही है।
उल्लेखनीय है कि 5 अक्टूबर को थाना कुकदूर में करन सिंह बैगा के पिता रूपसिंह बैगा के द्वारा शिकायत की गई, जिस पर संज्ञान लेते हुए 06 अक्टूबर को पुष्टि किए जाने के उपरांत 6 अक्टूबर को कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने करूर जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, श्रमायुक्त को तथ्य की गंभीरता से अवगत कराया एवं तत्काल कार्यवाही करने के लिए पत्र प्रेषित किया। 7 अक्टूबर को बंधक श्रमिकों के सकुशल वापसी के लिए जिला स्तर पर 5 सदस्यीय टीम जिसमें नायब तहसीलदार, श्रम निरीक्षक, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, पुलिस निरीक्षक एवं प्रधान आरक्षक को रवाना किया गया। टीम पहुंचने पर एवं कलेक्टर जनमेजय महोबे के पत्रों पर करूर कलेक्टर ने ई.सी.सी. फैक्ट्री में उच्च स्तरीय जांच कराई। जांच में जिले के नौजवान बंधक पाए गए जिन्हे छुडाया गया एवं बंधक विमुक्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया। केन्द्र सरकार के प्रावधानों के तहत विमुक्ति प्रमाण पत्र के साथ तत्काल सहायता राशि 30 हजार रूपए प्रति बंधक के मान से दी जाती है, इसके लिए भी कलेक्टर महोबे ने पुनः करूर कलेक्टर, तमिलनाडु को नियमों के तहत राशि दिलाने के लिए पत्र जारी किया गया एवं वे स्वयं कलेक्टर करूर के साथ संपर्क में थे जिससे इस कार्यवाही में करूर कलेक्टर का काफी सहयोग रहा। कलेक्टर श्री महोबे के द्वारा उनके खाने-पीने एवं स्वास्थ्य के बारे में लगातार जानकारी लेते रहे तथा 2 बैगा श्रमिक जगत सिंह बैगा एवं करन सिंह बैगा की हालत खराब होने पर उनके स्वास्थ्य की देख-रेख के लिए पत्र लिखा तथा 11 अक्टूबर को रात्रि 11 बजे दोनो श्रमिकों को करूर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया जहां उन्हे इलाज उपरांत फिटनेस प्रमाण पत्र जारी हुआ। जिला श्रम पदाधिकारी शोएब काजी ने बताया कि कलेक्टर जनमेजय महोबे की पहल पर 4 श्रमिकों के खाते करूर में खुलवाये गए तथा बहुत जल्द वे सकुशल जिला स्तरीय टीम के साथ वापस आ रहे है।