कुल्लू। वारदात, मर्डर, दुष्कर्म व अन्य संगीन जुर्म के बाद पुलिस अपराधी को पकड़ लेती है। जब अपराधी वारदात के 11 महीने बाद भी पकड़ में न आए तो सवाल उठना भी लाजिमी है। मनाली में गत वर्ष 2 नवम्बर को 2 वर्ष की बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ परंतु अपराधी अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। इस केस के पटाक्षेप के लिए एस.आई.टी. का भी गठन हुआ, लेकिन अपराधियों तक पुलिस पहुंच नहीं पाई है। पुलिस का दावा है कि मामले की जांच चल रही है और इसमें कामयाबी मिलने की उम्मीद भी है। पुलिस ने इलाके में 50 से अधिक लोगों से पूछताछ भी की। सी.सी.टी.वी. फुटेज भी खंगाली गई, लेकिन दुष्कर्म को अंजाम देने वाले अपराधी अभी पकड़ से बाहर हैं। इस संगीन जुर्म को एक व्यक्ति ने अंजाम दिया या इसमें एक से अधिक की संलिप्तता है, इसका भी पुलिस पता लगाएगी। इधर, लड़की के परिजन दर-दर भटकने को विवश हैं। मासूम बच्ची की पीड़ा भी बढ़ती जा रही है। ऐसे में परिजनों की मुश्किलें भी बढ़ रही हैं।
मेहनत-मजदूरी करके रोटी का जुगाड़ करने वाले परिजनों के लिए यह भी मुश्किल है कि वे बार-बार बच्ची के इलाज के लिए जाएं या रोटी का जुगाड़ करें। नेपाली परिवार के लिए एक जगह टिके रहना भी मुश्किल है क्योंकि ये काम की तलाश में जगह-जगह जाते हैं। इस परिवार को बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वालों का 11 महीने बाद खुले घूमना भी रास नहीं आ रहा है और इसका मलाल भी है। लड़की के पिता ने कहा कि वह पुलिस महकमे के दफ्तरों के चक्कर काट-काट कर थक गया है। एस.पी. दफ्तर भी करीब 10 बार गया। पुलिस विभाग यही आश्वासन दे रहा है कि हम अपराधियों को पकड़ेंगे। वारदात वाले दिन 2 साल की बच्ची झाडिय़ों में फैंकी हुई मिली थी। अब बच्ची को दर्द हो रहा है और उसका इलाज करवाना पड़ रहा है। देवभूमि में मासूम बच्ची के साथ हुई इस वारदात ने मानवता को शर्मसार कर दिया। मनाली में इस घटना के बाद लोग बच्चों की सुरक्षा को लेकर ङ्क्षचतित हैं। कई लोग ऐसा भी कह रहे हैं कि मनाली में मासूम बच्ची के साथ हुई ऐसी दरिंदगी के कारण ही त्रासदी से साक्षात्कार हुआ। इतनी भारी तबाही हुई।