मध्य प्रदेश में ‘कथा‘ पर सियासी संग्राम, भाजपा-कांग्रेस में जुबानी जंग तेज

Update: 2023-08-08 12:14 GMT
भोपाल: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के अलावा उनके बेटे और छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ की यजमानी में बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की रामकथा क्या हुई, इस पर सियासी संग्राम छिड़ गया है।
कमलनाथ जहां धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से नए रिश्तों की बात कर रहे हैं तो वहीं भाजपा के नेता इसे पाखंड करार देने में लगे हैं। दरअसल, पिछले दिनों छिंदवाड़ा में तीन दिवसीय राम कथा का आयोजन किया गया। इस कथा के यजमान कमलनाथ और उनके पुत्र नकुलनाथ थे। वहीं, कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री रहे। तीन दिन तक रामकथा के साथ धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दरबार भी लगा और इसमें लाखों लोग पहुंचे। छिंदवाड़ा में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की राम कथा तो खत्म हो गई, मगर सियासत तेज है। कमलनाथ ने कथा के समापन के मौके पर कहा कि मेरा और आचार्य शास्त्री का संबंध हनुमान जी से जुड़ा हुआ है। आस्था और विश्वास का संबंध है। मैंने अपने 40 साल के राजनीतिक जीवन को जनता की भलाई में लगाया है। शास्त्री जी आपने बहुत जगह कथाएं की हैं, किंतु आपको छिंदवाड़ा जैसी कथा और छिंदवाड़ा जैसे श्रद्धालु भक्त शायद ही मिले हों।
छिंदवाड़ा की कथा को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी तंज कसा और कहा कि कांग्रेस कंफ्यूज है और कई चीजों के लिए मजबूर है। जो लोग कभी राम भगवान का नाम लेने से परहेज करते थे, काल्पनिक मानते थे। आज वो कथाएं करा रहे हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करा रहे हैं। अब यह करने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि चुनाव आ रहे हैं। यह कांग्रेस की चुनावी भक्ति है। उनके अंदर ही अंदर अंतर्द्वंद मचा हुआ है।
उन्होंने आगे कहा, कमलनाथ सोच रहे हैं, मैं इधर जाऊं या उधर जाऊं, बड़ी मुश्किल है किधर जाऊं...? अब तो उनके एक नेता ने ही कह दिया है कि मुख्यमंत्री कौन बनना चाहिए? उनके तो नेता होने पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। अब मुझे लग रहा है कि वह नेता का दावा पुख्ता करने के लिए कथाओं के आयोजन में भी लग गए हैं। राज्य सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि चुनाव आते ही पॉलिटिकल पाखंड करने वाले कमलनाथ सियासी रोटियां सेंकने के लिए धार्मिक चौपाल लगाने के साथ कथा और भजन-कीर्तन करवा रहे हैं। उन्हें यह बताना चाहिए कि जब कांग्रेस की 15 महीने सरकार थी तो उन्होंने पुजारियों के लिए क्या किया।
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