इंदौर। इंदौर के एक मॉल में दो परिवारों के बीच कहासुनी के बाद जमकर मारपीट हो गई। इसका वीडियो सामने आया है। इस मामले में दोनों ही पक्षों ने विजयनगर पुलिस से शिकायत की है। मामला एबी रोड स्थित मल्हार मेगा मॉल का है। रविवार को दोनों परिवार अपने बच्चों को लेकर यहां पहुंचे थे। पुलिस के मुताबिक जूनी इंदौर एसीपी ऑफिस में पदस्थ सिपाही भूपेंद्र परिहार अपनी बहन की जुड़वां बच्चियों के जन्मदिन पर उन्हें लेकर मल्हार मेगा मॉल गए थे। यहां गेम जोन में दोनों बच्ची बॉल गेम खेल रही थी। इस दौरान दस मिनट का समय पूरा होने पर एक बच्ची बाहर निकल गई। दूसरी बच्ची अंदर ही रहने की जिद करने लगी। इस दौरान शालीमार टाउनशिप निवासी सचिन जैन और उनकी पत्नी कामिनी जैन भी अपने बच्चे को गेम जोन में लाए थे।
बारी को लेकर मतभेद होने के बाद दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। कामिनी का आरोप है कि भूपेन्द्र की बहन ने विवाद की शुरुआत की। सिपाही भूपेन्द्र और कामिनी के पति सचिन ने हस्तक्षेप किया तो आपस में विवाद हो गया। दोनों के बीच बहस के दौरान मारपीट की नौबत आ गई। मामला शांत कराने के लिए मॉल के बाउंसर को पहुंचना पड़ा, लेकिन उनके सामने ही दोनों परिवार में मारपीट चलती रही। विजयनगर पुलिस ने कामिनी जैन की शिकायत पर मारपीट की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। दूसरे पक्ष ने भी रिपोर्ट दर्ज कराई है। सिपाही भूपेन्द्र परिहार ने आरोप लगाया कि दंपती ने विवाद शुरू किया और मम्मी से झूमाझटकी कर दी। चश्मा नीचे गिर गया। इसी बात पर दोनों के बीच विवाद बढ़ा था। हम बच्ची को बाहर निकाल रहे थे लेकिन दंपती अपशब्दों का प्रयोग कर रहे थे। इधर पीड़ित कामिनी ने पुलिस को बताया कि रविवार को मैं अपने परिवार और मित्रों के साथ मल्हार मेगा मॉल गई थी। वहां भूपेंद्र परिहार और सुरेंद्र राजपूत पहले से मौजूद थे।
अपने बच्चों के गेम खेलने की बात पर हमसे गाली-गलौज करने लगे। हमारे साथ मारपीट भी की। इस वजह से मुझे पैर, चेहरे और गले में चोट आई। उन्होंने मेरे पति सचिन के साथ भी मारपीट की। उन्हें भी कई जगह चोट आई है। दोनों ने हमें दोबारा दिखाई देने पर जान से मारने की धमकी दी है। घटनाक्रम को लेकर कामिनी ने पुलिस प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए कहा कि जब रात 9 बजे के करीब हम कॉन्स्टेबल के खिलाफ रिपोर्ट करने गए तो हमें बैठा दिया गया। इसके बाद किसी पाटील सर के आने के बाद ही रिपोर्ट लिखने की बात कहने लगे। फिर कहा कि मेडिकल कराकर आओ, तब रिपोर्ट होगी। महिला ने कहा कि हम सुबह 5 बजे तक रिपोर्ट करने के लिए थाने पर थे। मेरी दो साल की बच्ची भी मेरे साथ थी। अफसरों को इस मामले में तत्काल एक्शन लेना चाहिए था लेकिन महिला, बच्चे को थाने पर बैठाए रखा गया।