केजरीवाल शीशमहल मामले में NGT ने गठित की समिति

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Update: 2023-05-09 16:14 GMT
नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने तथ्यात्मक स्थिति का पता लगाने के लिए तब एक समिति का गठन किया जब एक याचिका में दावा किया गया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास और उसके आसपास की संपत्तियों पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा कुछ निर्माण करने में पर्यावरणीय मानदंडों का उल्लंघन किया गया है। अधिकरण उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें आरोप लगाया गया है कि 6, फ्लैग स्टाफ रोड (मुख्यमंत्री आवास) और 45-47 राजपुर रोड (इसके आस-पास की संपत्ति) को विकसित करने के दौरान स्थायी एवं अर्ध-स्थायी निर्माण किए गए और 20 से अधिक पेड़ काट दिये गए। अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की पीठ ने कहा, ‘‘... दिल्ली के भीड़भाड़ वाले और प्रदूषित शहर में निर्माण के लिए पेड़ों को काटने और हरित पट्टी प्रदान करने की शर्त के अनुपालन की आवश्यकता के महत्व को देखते हुए, हम एक संयुक्त समिति का गठन करके तथ्यात्मक स्थिति का पता लगाना आवश्यक समझते हैं ...।''
पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल थे। पीठ ने दिल्ली के मुख्य सचिव और प्रधान सचिव (पर्यावरण और वन) के साथ ही दिल्ली शहरी कला आयोग (डीयूएसी) के एक नामित व्यक्ति और दिल्ली के उत्तरी दिल्ली जिला मजिस्ट्रेट वाली एक समिति का गठन किया। पीठ ने कहा, ‘‘समिति की बैठक एक सप्ताह के भीतर आहूत की जा सकती है और रिपोर्ट आज से तीन सप्ताह के भीतर प्रस्तुत की जा सकती है ... समिति किसी अन्य विभाग या प्राधिकरण के साथ बातचीत करने और स्थल पर जाने के लिए स्वतंत्र होगी और यह ऑनलाइन या ऑफलाइन बैठक कर सकती है।'' एनजीटी ने कहा कि उल्लंघन के मामले में, समिति कानून के अनुसार वैधानिक अधिकारियों के समन्वय में सुधारात्मक कार्रवाई कर सकती है। मामले पर अगली सुनवाई 31 मई को करना तय किया गया।
याचिका के अनुसार, निर्माण डीयूएसी की मंजूरी के बिना और हरित क्षेत्र बढ़ाने के बारे में आयोग के अवलोकन के विपरीत अवैध रूप से किए गए। इसमें यह भी दावा किया कि पेड़ों को काटने की अनुमति फरवरी 2009 के दिल्ली सरकार के आदेश में "हेरफेर और धोखाधड़ी" द्वारा ली गई थी। याचिका में कहा गया है कि ‘‘यह खुलासा किये बिना कि 28 पेड़ों को काटने की आवश्यकता थी जिसके लिए उच्च अधिकारियों की अनुमति चाहिए थी, 10 पेड़ों से कम की किश्तों में अनुमति ली गई। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पेड़ों को काटने की अनुमति देने की शर्त के लिए 280 पौधे लगाने की आवश्यकता थी, लेकिन केवल 83 पौधे ही लगाए गए। इसमें कहा गया, ‘‘इस तरह की कटाई अवैध है जिसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति की जवाबदेही कानून के अनुसार तय की जानी चाहिए।'' यह याचिका ऐसे समय में आई है जब भाजपा ने शहर की आप सरकार पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित आधिकारिक आवास के जीर्णोद्धार और नवीनीकरण पर 45 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप लगाया है।
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