10 बच्चों की मां ने कुंवारे लड़के से किया सेक्स, समाजिक बंधन को तोड़कर रचाई शादी
जानिए क्या है पूरा मामला
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। आपको जानकर हैरानी होगी कि दुल्हन 10 बच्चों की मां है जबकि दूल्हा कुंवारा है। इस शादी के बाद दोनों बेहद खुश नजर आ रहे हैं। वहीं 10 अनाथ बच्चों को पिता का साया मिलने के बाद उनके चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। आस-पास के गांव में इस शादी की खूब चर्चा हो रही है। बड़हलगंज थाना क्षेत्र का दादरी गांव इस वक्त चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि यहां एक ऐसी अनोखी शादी हुई है। इसमें 44 वर्षीय दुल्हन 10 बच्चों की मां है और 40 वर्षीय दूल्हा कुंवारा है। महिला के पति की मौत 6 साल पहले हो चुकी है। महिला के पति से 10 बच्चे हैं। पति की मौत के बाद से ही महिला का दिल गांव के ही एक युवक पर आ गया। धीरे-धीरे प्रेम प्रसंग आगे बढ़ने लगा कि , कुछ दिन बाद दोनों प्रेमी-प्रेमिका गांव से फरार हो गए। 1 वर्ष बाद दोनों जब गांव वापस लौटे तो गांव वालों को इसकी जानकारी हुई, दोनों को पंचायत में बुलाया गया। रजामंदी से प्रेमी युगल ने एक दूसरे से विवाह करने की बात कही। गांव के प्रधान और ग्रामीणों की मौजूदगी में गांव में स्थित मंदिर में दोनों की शादी कराई गई। शादी के बाद दोनों बेहद खुश हैं। 5 साल से दोनो में प्रेम-प्रसंग चल रहा था।
वहीं बेबस और बेसहारा बच्चों को बाप का साया मिलने के बाद उनके चेहरे पर भी खुशी साफ देखी जा रही है। शादी के बाद गांव के लोगों के बीच इस विवाह की खूब चर्चा है। दोनों के इस कदम की सराहना हर कोई कर रहा है। गांव वालों ने विवाह के बाद दोनों पति-पत्नी को ससम्मान परिवार सहित विदा कर दिया। बच्चों ने भी इस विवाह को स्वीकार कर लिया है, बच्चे बेहद खुश नजर आ रहे हैं। गांव में स्थित गुरुकुल पीजी कॉलेज के प्रबंधक जयप्रकाश शाही और प्रधान प्रतिनिधि सतीश शाही की पहल से यह विवाह संपन्न हुआ। दोनों विवाहित जोड़ों को स्कूल प्रबंधक ने ग्रामीणों के समक्ष कॉलेज में नौकरी देने का नियुक्ति पत्र भी दिया। संस्थान के आवासीय परिसर में उन्हें एक कमरा देकर शिफ्ट करने की घोषणा करने के बाद प्रबंधक के इस कदम की सभी सराहना कर रहे हैं।
प्रधान और प्रबंधक सहित सभी ग्रामीणों का कहना है कि सरकार द्वारा दी जा रही परियोजनाओं का लाभ भी परिवार को दिलाया जाएगा। गांव वालों का कहना है पिता की मौत और मां के चले जाने के बाद सभी बच्चे बेघर और बेसहारा हो गए थे। किसी तरह अपना गुजर बसर कर पेट पाल रहे थे। मां की वापसी और पिता का साया मिलने और प्रधान एवं प्रबंधक की पहल पर इन बच्चों को अपना,घर, परिवार और भरण पोषण का सहारा मिल गया है। अब यह अपनी नई जिंदगी की शुरुआत कर सकेंगे। दोनों पति पत्नी का कहना है कि इस विवाह के बाद हम दोनों बेहद खुश हैं। बच्चों के साथ नए जीवन की शुरुआत करेंगे हम प्रधान सहित स्कूल के प्रबंधक और सभी ग्रामीणों को धन्यवाद देते हैं कि सभी ने हमारा सहयोग किया। वही विवाह के बाद बच्चों का कहना है कि मां की वापसी और सर पर पिता का साया मिलने के बाद हमें बहुत खुशी है। विधवा महिला के 10 बच्चों में 4 बेटियां है और 6 बेटे सबसे बड़ी बेटी 23 साल की है और सबसे छोटा बेटा 6 साल का है।