मां ने अपने 14 साल के बेटे की हत्या की, लाश के पास करती रही आराम

जांच में जुटी पुलिस

Update: 2023-07-30 18:02 GMT
उदयपुर। उदयपुर में।एक महिला ने अपने 14 साल के बेटे की हत्या कर दी। उसी ने पुलिस कंट्रोल रूम फोन कर इसकी जानकारी दी। हिरासत में लेकर आरम्भिक पूछताछ के बाद पुलिस का कहना है कि महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। मामला उदयपुर शहर के अम्बामाता थाना क्षेत्र का है। थाना क्षेत्र के सहेली नगर इलाके में रहने वाली मनीषा (37) ने अपने 14 साल के बेटे पुरंजय पारीख की हत्या कर दी। रविवार सुबह करीब 6.30 बजे कपड़े सुखाने वाली रस्सी से उसका गला घोंट दिया।
मामले में अंबामाता थानाधिकारी हनुवंत सिंह राजपुरोहित का कहना है कि घटना सुबह 6.30 बजे के करीब की है। पुरंजय सो रहा था। मनीषा ने सिरहाने से आकर पुरंजय के गले में कपड़ा सुखाने वाली रस्सी डाल दी। बेटे ने 3 से 4 मिनट तक संघर्ष किया, लेकिन छूट नहीं सका और उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद मनीषा ने ही करीब 7 बजे पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया। उसने खुद बताया कि वह अपने बेटे को मार चुकी है। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा खुलवाया। हत्या के कारण को लेकर परिवार वालों से पूछताछ की गई। इसमें किसी भी प्रकार के झगड़े या विवाद की बात सामने नहीं आई। परिवार वालों का कहना है कि मनीषा मानसिक रूप से बीमार है। उसका 2018 से इलाज चल रहा है। सम्भवतः गुस्से में आकर उसने बेटे की हत्या कर दी है। पुलिस ने मेडिकल दस्तावेजों को भी जांच के दायरे में रखा है।
पुलिस के अनुसार मृतक के पिता दीपक पारीख (44) की इलेक्ट्रॉनिक्स की शॉप है, वे घटना के समय मॉर्निंग वॉक पर गए थे। मनीषा ने पति दीपक को मॉर्निंग वॉक से वापस आते वक्त सब्जी लाने के लिए फोन भी किया था। ग्राउंड फ्लोर पर दादा, दादी और फर्स्ट फ्लोर पर दीपक पारीख का परिवार रहता है। घटना के वक्त ग्राउंड फ्लोर पर दादा, दादी और ताऊजी थे। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो नीचे रहने वाले परिजनों को भनक तक नहीं थी। जब उनसे मनीषा के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वह बेटे के साथ ऊपर वाले फ्लोर पर है। इस दौरान जब दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया तो अंदर से कोई हलचल नहीं हुई। इसके बाद पुलिस बाहर की तरफ से सीढ़ियां लगाकर बालकनी जरिये फर्स्ट फ्लोर पर पहुंची और दरवाजा खुलवाया। आस पड़ोस में रहने वालों ने बताया कि 3 दिन पहले 27 जुलाई को पारीख परिवार ने पुरंजय का बर्थडे मनाया था। आसपास के लोगों का कहना है कि मनीषा अक्सर बाहर दिखती थी, परंतु बीमार कभी नहीं लगी।
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