प्रदेश में जनवरी से होगी बंदरों की गिनती
शिमला। प्रदेश में बंदरों की गिनती अब जनवरी महीने से शुरू होगी। वन्य प्राणी विभाग ने गिनती के लिए तय एजेंसी को जनवरी तक सभी औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिए है। इससे पूर्व यह गिनती नवंबर में शुरू होनी थी, लेकिन औपचारिकताओं में देरी की वजह से अब इसे जनवरी से शुरू किया जा रहा …
शिमला। प्रदेश में बंदरों की गिनती अब जनवरी महीने से शुरू होगी। वन्य प्राणी विभाग ने गिनती के लिए तय एजेंसी को जनवरी तक सभी औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दिए है। इससे पूर्व यह गिनती नवंबर में शुरू होनी थी, लेकिन औपचारिकताओं में देरी की वजह से अब इसे जनवरी से शुरू किया जा रहा है। गौरतलब है कि हिमाचल में करीब चार साल बाद बंदरों की गिनती होगी। वन्य प्राणी विभाग नवंबर से यह गणना शुरू करेगा और अप्रैल में इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी। इससे पूर्व 2019 में बंदरों की गिनती की गई थी और इस गणना में प्रदेश के भीतर तीन लाख 16 हजार बंदर होने का खुलासा हुआ था। वन्य प्राणी विभाग ने इस गणना के बाद बंदरों की नसबंदी का अभियान चलाया गया और वन्य प्राणी विभाग ने बीते कुछ समय के दौरान एक लाख 76 हजार बंदरों की नसबंदी की है।
विभाग की मानें तो इस कार्रवाई की वजह से बंदरों की बढ़ती आबादी नियंत्रित हुई है। इस अभियान को नहीं चलाया जाता, तो प्रदेश में छह लाख बंदर अब तक बढ़ चुके होते। केंद्र ने वाइल्ड लाइफ एक्ट में बदलाव किया है। नए संशोधन में वाइल्ड लाइफ एक्ट में शामिल शेड्यूल-5 के प्रावधान को हटा दिया गया है। दरअसल, शेड्यूल-5 में ही फसलों या मानव जीवन को खतरे में डालने वाले जानवरों को हिंसक घोषित करने का प्रावधान था। अब शेड्यूल को हटाने के बाद किसी भी जानवर को वर्मिन नहीं बनाया जा सकता है। वन्य प्राणी विभाग के अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल अनिल ठार ने बताया कि करीब चार साल बाद प्रदेश में दोबारा बंदरों की गिनती हो रही है। वन्य प्राणी विभाग पहले नवंबर में इस गिनती को शुरू कर रहा था, लेकिन औपचारिकताओं में देरी की वजह से अब इसे जनवरी से शुरू किया जाएगा। इससे पहले 2019 में बंदरों की गणना की गई थी और उस समय इनकी संख्या तीन लाख 16 हजार थी। अब इस संख्या में कमी आई है।