सिंगरौली। सिंगरौली जिले में कार्यरत औद्योगिक इकाइयों पर कई बार मजदूरों का शोषण सहित नौकरी से निकालने का आरोप लगता रहा है. संबंधित मामले की शिकायत की भरमार जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की टेबल पर धूल फांक रही होती है। दरअसल मजदूरी का काम करने वाले मजदूर ज्यादा शिक्षित नहीं होते हैं शिक्षा के अभाव के कारण यह अपने अधिकारों से वंचित है. ऐसे में कंपनियों के द्वारा इनका शोषण भी किया जाता रहा है जब मजदूरों के द्वारा कंपनी की मनमानी के विरुद्ध आवाज उठाई जाती है तो ऐसे लोगों को कंपनी के नुमाइंदे कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा देते हैं और फिर मजदूर न्याय पाने की आस में इधर-उधर भटकता रह जाता है। जिले के श्रम विभाग में बीते दिनों एक ऐसे ही मामले की शिकायत लेकर एक पीड़ित मजदूर पहुंचा था.
जहां पर पीड़ित मजदूर के द्वारा शासन क्षेत्र में कार्य कर रही पावर मेक में कंपनी की मनमानी का विरोध करना मजदूर को भारी पड़ गया दरअसल मजदूर ने कंपनी के द्वारा एक किए जा रहे कार्य का विरोध कर दिया एवं उसे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा जिसके बाद इस पूरे मामले की शिकायत मजदूर ने जिला श्रम कार्यालय पहुंचकर लिखित रूप में कर दी। मामले की शिकायत प्राप्त होने के उपरांत श्रम विभाग के अधिकारी हरकत में आए एवं संबंधित मामले में पीड़ित के कथन एवं प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर जांच शुरू कर दी जांच के उपरांत संबंधित मामले में कंपनी के अधिकारियों को कार्यालय में बुलाया गया जहां पर इस पूरे मामले की सुनवाई करते हुए श्रम विभाग के अधिकारी संजय आर्य ने पूरे मामले पर गहनता से जांच करते हुए इस मामले में पावर मेक के अधिकारियों को बुलाकर बैठक की।
अंधेरे में चली बैठक
श्रम अधिकारी के पास पहुंची मजदूर की शिकायत पर गंभीरता दिखाते हुए श्रम अधिकारी संजय आर्य ने पावर मेक के साथ चली बैठक के समय विद्युत बाधित होने के कारण अंधेरे में इस बैठक को जारी रखा। मजदूर की शिकायत पत्र के आधार पर विभिन्न मुद्दों पर गहनता जांच उपरांत पावर मेक कंपनी के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी करते हुए श्रम विभाग के अधिकारी ने कार्यवाही की। हालांकि दिनाक 22/06/2023 को शाम विद्दुत् बंद थी फिर भी मजदूरों और नियोजको की बैठक ले रहे थे. श्री आर्य प्रभारी अधिकारी कार्यलय सहायक श्र्मायुक्त से अंधेरे में बैठक लेने का कारण पूछा आप अंधेरे मे भी क्यो काम कर रहे तो उन्होंने व्यक्त किया की श्रमिक दूर से आये यदि बैठक लिये बिना उठ जाऊंगा तो उनके लिये अच्छा नही होगा। ऐसे में मजदूर की समस्या को महत्वपूर्ण मानते हुए श्रम विभाग के अधिकारी द्वारा मामले पर बैठक लेकर कार्रवाई की गई।