भुगतान फंसने के चलते लैब मैनेजमेंट ने रोकी सेवाएं

शिमला। हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त टेस्ट सुविधा वाली लैब क्रसना बंद हो गई है। नेशल हैल्थ मिशन का बजट जारी न होने के बाद क्रसना लैब ने 650 संस्थानों में सेवाएं रोक दी। इन सेवाओं के ठप होने से बुधवार को दस हजार से ज्यादा मरीज पूरे प्रदेश में प्रभावित हुए …

Update: 2024-01-12 04:46 GMT

शिमला। हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त टेस्ट सुविधा वाली लैब क्रसना बंद हो गई है। नेशल हैल्थ मिशन का बजट जारी न होने के बाद क्रसना लैब ने 650 संस्थानों में सेवाएं रोक दी। इन सेवाओं के ठप होने से बुधवार को दस हजार से ज्यादा मरीज पूरे प्रदेश में प्रभावित हुए हैं। राज्य सरकार को क्रसना लैब में 50 करोड़ का भुगतान करना है और यह भुगतान अप्रैल के बाद से फंसा हुआ है। बताया जा रहा है कि नेशनल हैल्थ मिशन में बजट की कमी होने से यह हालात बने हैं। दरअसल, सरकारी अस्पतालों में तय बजट से अधिक परीक्षण हो चुके हैं और इनके बिल नेशनल हैल्थ मिशन को भेजे गए हैं।

बजट कम होने की वजह से इन बिलों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। इस समय समूचे प्रदेश में 1800 कर्मचारी क्रसना लैब के साथ जुड़े हुए हैं। इन कर्मचारियों को वेतन का भुगतान करना मुश्किल हो रहा है। क्रसना लैब ने सभी मेडिकल कॉलेज समेत सीएचसी और पीएचसी में काम बंद किया है। इस बीच बुधवार को एनएचएम निदेशक के साथ इस मामले को बातचीत से सुलझाने का प्रयास भी किया गया, लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ पाई है। राज्य सरकार ने क्रसना लैब को मेडिकल कॉलेज, क्षेत्रीय अस्पतालों, सीएचसी और पीएचसी में नि:शुल्क टेस्ट की जिम्मेदारी दी गई है। इन टेस्ट के एवज में होने वाला भुगतान एनएचएम के माध्यम से जाता है, लेकिन इससे पूर्व अस्पताल प्रबंधन और जिला स्तर पर सीएमओ वार्षिक बजट बनाते हैं।

नेशनल हैल्थ मिशन की निदेशक प्रियंका वर्मा ने बताया कि क्रसना लैब के साथ हुए अनुबंध की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि एनएचएम नियमों के अनुसार आगामी कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि यदि क्रसना लैब के कर्मचारी वापस आने को तैयार नहीं हुए, तो स्वास्थ्य विभाग की लैब में टेस्ट सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग की अपनी लैब हैं और उन लैब से काम चलाया जा सकता है। अब स्वास्थ्य विभाग इन हाउस लैब पर ध्यान देगा।

क्रसना लैब के हिमाचल प्रभारी सौरभ ने बताया कि एनएचएम से उनकी बातचीत चल रही है। वह चाहते हैं कि इस मामले का हल जल्द निकाला जाए। उन्होंने कहा कि क्रसना लैब के अधीन प्रदेश भर में जो कर्मचारी काम कर रहे हैं, लैब प्रबंधन उन्हें वेतन दे पाने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा कि यह मामला जल्द सुलझ जाता है, तो सभी कर्मचारी वापस काम पर लौट आएंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में 650 संस्थानों में सेवाएं ठप हुई हैं। राज्य में 100 स्वास्थ्य संस्थानों में बुधवार को टेस्ट सुविधा मरीजों को मिली है। ये वे संस्थान हैं, जहां बजट अभी तक खर्च नहीं हुआ है। जनजातीय क्षेत्रों में टेस्ट करवाने वाले मरीजों के कम पहुंचने की वजह से यहां एनएचएम और स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य विभाग ने जो मानक तय किए थे, उसके अनुरूप भुगतान हो रहा है, जबकि शहरी क्षेत्र, मेडिकल कॉलेज और बड़े अस्पतालों में मरीजों की कतारें बुधवार को क्रसना लैब के बाहर दिखीं।

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