किसान आंदोलन: शिवसेना ने बीजेपी पर लगाए आरोप, कहा केंद्र सरकार चाहती थी की आंदोलन हिंसक हो जाये
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा, ‘केन्द्र सरकार कुछ कर नहीं कर पा रही थी. वह चाहती थी कि किसान आक्रोशित होकर हिंसक हो जाएं, ताकि उनका प्रदर्शन बदनाम हो.'
जनता से रिश्ता वेब डेस्क। मुंंबई: Farmer's Rally Violence: शिवसेना (Shiv sena) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत केन्द्र सरकार (Central Government) पर आरोप लगाया कि वह चाहती थी कि किसान आक्रोशित होकर हिंसक हो जाएं, जिससे तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी उनका प्रदर्शन बदनाम हो.शिवसेना ने यह टिप्पणी गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर किसानों की 'ट्रैक्टर परेड' (Tractor Rally) के दौरान हुई हिंसा पर की. साथ ही पार्टी ने कहा कि हिंसा राष्ट्रीय हित में नहीं है.
वहीं, महाराष्ट्र भाजपा ने हालांकि शिवसेना के आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें ''निराधार'' बताया है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा, 'तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ पिछले 60 दिनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शनकारी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डालकर कानूनों को रद्द किए जाने की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच कोई मतभेद नहीं था और न ही उन्होंने अपना धैर्य खोया.''शिवसेना ने आरोप लगाया, 'केन्द्र सरकार कुछ कर नहीं कर पा रही थी. वह चाहती थी कि किसान आक्रोशित होकर हिंसक हो जाएं, ताकि उनका प्रदर्शन बदनाम हो. 26 जनवरी को उसकी यह इच्छा पूरी हो गई, लेकिन इससे देश की भी बदनामी हुई.'
पार्टी ने कहा, ''यह कहना आसान है कि किसानों ने कानून हाथ में लिया, लेकिन वे जो कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, उसका क्या?' शिवसेना ने दावा किया कि पंजाब के किसानों के स्वाभिमान से केंद्र परेशान है.उसने कहा, '' दिल्ली में हुई हिंसा के लिए केवल किसानों को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं. सरकार जो चाहती थी, वह हुआ, लेकिन इसका खामियाजा किसानों और पुलिस को भुगतना पड़ा.'शिवसेना ने पूछा, 'जो कुछ भी हुआ उसके लिए सरकार की जवाबदेही कौन तय करेगा?'' उसने आरोप लगाया कि बीजेपी के ''खुफिया तंत्र'' ने पाया कि हिंसा पूर्व नियोजित थी और आतंकवादियों ने आंदोलन पर कब्जा कर लिया है".शिवसेना ने कहा, 'हिंसक प्रदर्शन का नेता दीप सिद्धू था,जो बीजेपी से जुड़ा है. किसान नेताओं ने भी कहा कि सिद्धू पिछले दो महीने से किसानों को भड़का रहा था, लेकिन सभी ने संयम दिखाया.'पार्टी ने पूछा, 'किसान चाहते हैं कि कृषि कानून निरस्त किए जाएं. लेकिन सरकार जिद पर क्यों अड़ी है?'
इस बीच, महाराष्ट्र भाजपा के प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने शिवसेना के केंद्र पर लगाए आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें निराधार बताया.उन्होंने कहा, यह काफी दुखद है कि कुछ लोग राजनीति से ऊपर नहीं उठ पाते और किसानों के नाम पर अराजकता फैलाना चाहते हैं.'' गौरतलब है कि कृषक संगठनों की केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी. इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ झड़प व वाहनों में तोड़-फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज भी लगा दिया था. दिल्ली पुलिस ने हिंसा के मामले में कई प्राथमिकियां दर्ज की हैं.