भारत का पहला परमाणु मिसाइल ट्रैकिंग जहाज: आईएनएस ध्रुव आज होगा लॉन्च, सैटेलाइटों की निगरानी भी करेगा

Update: 2021-09-10 06:55 GMT

देश का पहला न्यूक्लियर मिसाइल ट्रैकिंग जहाज आईएनएस ध्रुव शुक्रवार को लॉन्च किया जाएगा. यह मिसाइल को ट्रैक करने के साथ-साथ पृथ्वी की निचली कक्षा में सैटेलाइटों की निगरानी भी करेगा. भारतीय नौसेना, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (NTRO) के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से 10,000 टन के जहाज को लॉन्च किया जाएगा.

आईएनएस ध्रुव भारत की भविष्य की एंटी-बैलिस्टिक क्षमताओं में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है और यह जहाज इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में देश की उपस्थिति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. आईएनएस ध्रुव को हिंदुस्तान शिपयार्ड द्वारा डीआरडीओ और एनटीआरओ के सहयोग से बनाया गया है. यह जहाज कई तरह की विशेषताओं से लैस है जो इसे आधुनिक नौसैनिक युद्ध में एक अत्याधुनिक उपकरण बनाता है. अपनी बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताओं के साथ आईएनएस ध्रुव देश के शहरों और सैन्य प्रतिष्ठानों की ओर जाने वाली दुश्मन देशों की मिसाइलों के लिए एक शुरुआती चेतावनी सिस्टम के रूप में भी काम करेगा.
ध्रुव के पास डीआरडीओ द्वारा बनाया गया एक अत्याधुनिक सक्रिय स्कैन एरे रडार (एईएसए) भी है, जो इसे विभिन्न स्पेक्ट्रमों को स्कैन करने और भारत पर नजर रखने वाले जासूसी उपग्रहों की निगरानी करने के साथ-साथ पूरे क्षेत्र में मिसाइल परीक्षणों की निगरानी करने में सक्षम करेगा. वहीं, ध्रुव भारत का पहला नौसैनिक जहाज होगा, जो लंबी दूरी पर परमाणु मिसाइलों को ट्रैक करने में सक्षम होगा. आईएनएस ध्रुव का इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में परमाणु बैलिस्टिक युद्ध के बढ़ते खतरे के बीच एक अहम रोल होगा.
इसके अलावा भी आईएनएस ध्रुव की कई सारी विशेषताएं हैं. यह दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगाने के लिए समुद्र तल को मैप करने की क्षमता से भी लैस है. इससे जब भी दुश्मन देश की पनडुब्बियां किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगी तो ध्रुव उसे आसानी से पकड़ सकेगा और जरूरी जानकारी मुहैया करवा सकेगा. उधर, चीन और पाकिस्तान दोनों के पास भारत के साथ-साथ परमाणु बैलिस्टिक क्षमताएं हैं और भारत की दोनों देशों के साथ भूमि विवाद भी है, ऐसे में आईएनएस ध्रुव भारतीय नौसेना को किसी भी युद्ध की स्थिति में मदद करेगा.
इस जहाज को बेड़े में शामिल करने वाला भारत दुनिया का छठा देश होगा. ध्रुव को लॉन्च करते ही भारत उन देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा, जिसमें पहले से ही फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और चीन मौजूद हैं. इन देशों में पहले से ही न्यूक्लियर मिसाइलों को ट्रैक करने वाले जहाज ऑपरेट हो रहे हैं. बता दें कि जिस समय इसे आंध्र प्रदेश से लॉन्च किया जाएगा, उस दौरान नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह और एनटीआरओ के प्रमुख अनिल दासमान भी मोजूद रहेंगे.


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