जालोर। जालोर शिक्षा को बढ़ावा देने, स्कूलों में सुविधाओं का विस्तार करने आदि के लिए शिक्षा विभाग की ओर से जिलों व ब्लॉक के स्कूलों की रैकिंग की जाती है। विभाग की ओर से अगस्त माह की रैंकिंग में उदयपुर जिला 33 नवम्बर पर सबसे नीचे रहा। वहीं पाली जिले का स्थान भी 24वां रहा है। प्रदेश में 55 स्कोर के साथ चूरू पहले, 51.50 स्कोर के साथ करौली दूसरे व 51.16 स्कोर के साथ करौली तीसरे नम्बर पर रहा। पाली को सिर्फ 32.78 स्कोर मिला है। जालोर जिले का स्थान 20वां 33.98 स्कोर व सिरोही का 28वां 31 स्कोर के साथ रहा। माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर की ओर से अंतिम तीन पायदार पर रहे उदयपुर, धौलपुर व सिरोही के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को रैकिंग सुधारने की हिदायत दी है। रैंकिंग के लिए स्कूल को 43 पैरामीटर्स के आधार पर शाला दर्पण पोर्टल पर सूचना अपलोड करनी होती है।
इसी के आधार पर रैंकिंग का निर्धारण होता है। इनमे नामांकन में वृद्धि, स्कूलों में बिजली कनेक्शन, पेयजल व्यवस्था, खेल मैदान, चारदीवारी, सैनेटरी नेपकिन डिस्पेंसर, परीक्षा परिणाम, भवन, कक्षा-कक्ष, शौचालयों की स्थिति, फर्नीचर, कम्यूटर, खेल मैदान, ज्ञान उपलब्धता, शंका समाधान, सह शैक्षणिक गतिविधियां आदि शामिल हैं। सांचौर मे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व आशा सहयोगिनी कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर आज जिला कलेक्टर पूजा पार्थ को ज्ञापन सौंपा। जिसमें कर्मचारियों ने आशा सहयोगिनी को एएनएम की अनिवार्य ट्रेनिंग करवा कर नर्स पद पर प्रमोट करने, आंगनवाड़ी सहायिका को चतुर्थ श्रेणी के पद पर स्थाई करने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्री प्राइमरी टीचर ट्रेनिंग करवा कर पूर्व प्राथमिक शिक्षक पद पर स्थाई नियुक्ति देने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के स्थाई होने तक मानदेय कम से कम 16900 करने की मांग की। इसके अलावा राज्य सरकार के सरकारी कर्मचारियों को दिए जाने वाले वित्तीय वेतन को लागू करने, समय-समय पर सरकारी कर्मचारियों की दिए जाने वाले टीए डीए देने की मांग की। इस दौरान प्यारी देवी बिश्नोई, मधु बिश्नोई, लाली बिश्नोई, रामेश्वरी बिश्रोई, ओमी चौधरी सहित बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रही।