आपदा प्रभावितों की मदद के लिए MLA फंड काटना पड़ा तो उसको भी काटेंगे: सीएम
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यदि आपदा प्रभावितों की मदद के लिए एमएलए फंड काटना पड़ा तो उसको भी काटेंगे। इसके लिए सरकारी स्तर पर यह अध्ययन किया जा रहा है कि किस मद से राशि को काटकर आपदा प्रभावितों की मदद की जा सकती है। सुक्खू विधानसभा में प्राकृतिक आपदा को लेकर सत्तापक्ष की तरफ से लाए गए संकल्प पर हुई चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार 26 से 28 सितम्बर के बीच आपदा प्रभावितों के लिए आपदा राहत पैकेज लाएगी। उन्होंने कहा कि यह हैरानी की बात है कि भाजपा को हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने पर आपत्ति है।
सीएम ने चर्चा के दौरान निर्दलीय विधायक होशियार सिंह की तरफ से विधायकों के स्टोन क्रशर का मामला उठाए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यदि उनके पास विधायकों की ऐसी कोई सूची मौजूद है तो उसको सभा पटल पर रखना चाहिए। महज सनसनी फैलाने के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। मुख्यमंत्री की आपत्ति के बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इस विषय से संबंधित शब्दों को सदन की कार्यवाही से निकालने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जी-20 सम्मेलन में राष्ट्रपति की तरफ से देश-विदेश के अतिथियों के लिए दिए गए रात्रि भोज में इसलिए शामिल हुए, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशेष पैकेज पर चर्चा हो सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जब अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ थे तो उस समय बातचीत करके हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और विशेष पैकेज देने की मांग की। मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भगवान उनको सद्बुद्धि दे तथा सत्ता पक्ष की तरफ से लाए गए संकल्प पर साथ दे। उन्होंने कहा कि यह समय की मांग है कि हिमाचल प्रदेश को विशेष वित्तीय मदद मिले।
विधानसभा में प्रश्नकाल में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऊर्जा नीति को लेकर विपक्ष को घेरते हुए पूर्व सरकार पर हिमाचल के हितों को बेचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार बिजली प्रोजैक्टों में हिमाचल के हितों को बिकने नहीं देगी। प्रदेश के हितों को सुरक्षित रखा जाएगा। सरकार ऊर्जा नीति में बदलाव करके पूर्व सरकार की करतूतों को ठीक करने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि ऊर्जा नीति में बदलाव करने के बाद ही नए बिजली प्रोजैक्ट आबंटित किए जाएंगे। यह बात उन्होंने विधानसभा में विधायक सुखराम चौधरी के सवाल के जवाब में कही।
सुक्खू ने कहा कि एसजेवीएन व एनएचपीसी ने बिना एग्रीमैंट किए काम शुरू कर दिया तथा पूर्व सरकार ने लाडा माफ किया तथा जीएसटी भी इनकी माफ की, जिससे प्रदेश को नुक्सान हुआ है। वर्तमान सरकार ने दोनों कंपनियों को नोटिस दिया है। एनएचपीसी ने सरकार के साथ वार्ता करने की इच्छा जाहिर की है, लेकिन एसजेपीएन कोर्ट चला गया। प्रदेश सरकार ने एसजेवीएन को दूसरा नोटिस दिया है, जिसमें पूछा गया है कि उनके चारों प्रोजैक्ट सुन्नी, धौलासिद्ध, लुहरी व सैंज के लिए इंप्लीमैंट एग्रीमैंट पर साइन करे या फिर हम उन चारों प्रोजैक्टों का अधिग्रहण कर लें। कोर्ट ने भी एसजेवीएन को सरकार के साथ बैठ कर समझौता करने को कहा है।