HP: अस्पताल कर्मचारियों को नहीं मिल रहा घोषित वेतन

Update: 2024-09-27 10:52 GMT
Shimla. शिमला। आईजीएमसी, कमला नेहरू, मेंटल, चमियाणा अस्पताल के सफाई, वार्ड अटेंडेंट, ईसीजी, अन्य पैरामेडिकल व लॉन्ड्री कर्मियों का अधिवेशन बुधवार को कालीबाड़ी हॉल में संपन्न हुआ। अधिवेशन को सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, महासचिव प्रेम गौतम, रमाकांत मिश्रा, वीरेंद्र लाल, नोख राम, सीता राम, निशा, सरीना, सुरेंद्रा, प्रवीण, भूमि, संदीप, अनुज, चमन, वनीता, राजेंद्र, धनी राम, संजीव, सुनीता, लेख राज, वंदना और सुनीता आदि ने संबोधित किया। यूनियन द्वारा इस अधिवेशन मे यह फैसला लिया है कि ठेका, आउटसोर्स, फिक्स टर्म, मल्टीपर्पज, मल्टीटास्क, कैजुअल मजदूरों की मांगों को लेकर 30 सितंबर को डीसी ऑफिस पर जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा। वक्ताओं ने आईजीएमसी अस्पताल प्रबंधन व ठेकेदारों पर मजदूरों के गंभीर शोषण का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि एक सौ चालीस वार्ड एटेंडेंट, सफाई व अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ को नौकरी से निकालने की साजिश रची जा रही है। इन मजदूरों को दो महीने से वेतन भी
नहीं दिया गया है।


इसके साथ ही कहा कि इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा व इसके खिलाफ निर्णायक आंदोलन होगा। जरूरत पड़ी तो मजदूर यूनियन नौकरी की सुरक्षा के लिए हड़ताल पर उतर जाएंगे। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी अस्पताल में अंग्रेजों के जमाने के काले कानून आज भी जारी हैं। यहां हायर एंड फायर नीति जारी है। अस्पताल में मजदूरों को सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन तक नहीं मिल रहा है। आईजीएमसी में अभी भी श्रम कानूनों का गला घोंट कर दर्जनों कोविड कर्मियों व सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर रखा गया है। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी अस्पताल में न्यूनतम वेतन, ईपीएफ, ईएसआई, छुट्टियों, आठ घंटे के कार्य दिवस, हर माह सात तारीख से पूर्व वेतन भुगतान, बोनस, चेंजिंग रूम, दो वर्दी सेट आदि मुद्दों का समाधान नहीं किया जा रहा है। आईजीएमसी अस्पताल के ठेकेदार श्रम कानूनों व 12 जून के श्रम कार्यालय में हुए समझौते की खुली अवहेलना कर रहे हैं। उन्होंने बताया है कि अगर श्रम कानून लागू न हुए तो आंदोलन तेज होगा व आईजीएमसी अस्पताल के मजदूर सडक़ों पर उतरेंगे।
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