Himachal Pradesh: दो कृत्रिम झीलों की जांच करेगी भारतीय सेना

Update: 2024-06-28 10:14 GMT
Recangpio. रिकांगपिओ। किन्नौर जिला के काशंग सहित सांगला कंडा में दो बड़े ग्लेशियर झीलों के एडेंटिफााई होने के मामले पर डीसी किन्नौर ने बताया कि जुलाई माह के दूसरे हफ्ते में इन दोनों स्थानों पर आर्मी, आईटीबीपी, रेवन्यू सहित स्थानीय लोगों के माध्यम से एक्सपीडिशन किया जाएगा, ताकि यह पता लगाया जाएगा कि भविष्य में यदि ये दोनों कृत्रिम झीलें टूटती हैं, तो संबंधित नदी-नाले वाले क्षेत्रों को नुकसान होगा या नहीं। डीसी किन्नौर डा. अमित कुमार शर्मा ने बताया कि नेशनल रिमोट सेंसिंग व सी-डेक के अधिकारियों के आते ही टीम गठित कर जुलाई माह के दूसरे हफ्ते में दोनों जगहों पर टीमों को भेज कर वास्तविक स्थिति की जानकारी हासिल की जाएगी। उन्होंने बताया कि किन्नौर प्रशासन कभी भी ऐसी
कोई भी अप्रिय घटनाएं होती हैं।

उनसे निपटने के लिए टीम पूरी तरह तैयार रहती है। सभी टीमों को समय-समय पर मॉकड्रिल भी करवाया जाता है। बता दें कि वर्ष 2000 सहित 2005 में तिब्बत के परछू में बनी कृत्रिम झील टूटने से सतलुज नदी में बाढ़ आ गई थी, जिससे किन्नौर, रामपुर बुशहर सहित तत्तापानी आदि कई क्षेत्रों में भयंकर नुकसान हुआ था। उन दोनों घटनाओं में कई लोगों की जान जाने के साथ करोड़ों की सरकारी व गैर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। आशंका जताई जा रही है कि यदि काशंग व सांगला कंडा में बनी कृत्रिम झीलें टूट जाती हैं, तो किन्नौर सहित सतलुज नदी के तटवर्तीय क्षेत्र में भारी तबाही भी मच सकती है। किन्नौर प्रशासन ने प्राइमरी स्तर पर इन झीलों की मॉनिटरिंग शुरू कर दी है।
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