कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं तथा ये दोनों ही पार्टियां लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ हैं एवं धनबल की राजनीति में लिप्त हैं। दिवाली के लिए चार दिवसीय अवकाश के बाद अपनी 'भारत जोड़ो यात्रा' फिर से शुरू करने वाले गांधी ने कहा कि टीआरएस केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए विधेयकों का पारित होने के लिए समर्थन करती थी।
उन्होंने कहा, ''टीआरएस ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों को पूरा समर्थन दिया था।'' नारायणपेट जिले के गुनमुकला, मारिकल में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस विधानसभा में कानूनों के खिलाफ एक प्रस्ताव लेकर आई थी, लेकिन टीआरएस ने इसका समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा, ''मैं यहां स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगा कि, हमारे लिए, भाजपा और टीआरएस एक ही हैं। वे एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। वे मिलकर काम करते हैं।
आपको इसे समझने की जरूरत है। वे एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। दिल्ली में टीआरएस उनका समर्थन करती है। और तेलंगाना में भाजपा इस पार्टी (टीआरएस) का समर्थन करती है।'' टीआरएस सरकार को शायद देश की 'सबसे भ्रष्ट सरकार' बताते हुए राहुल ने 15,000 करोड़ रुपये के कथित 'मियापुर भूमि घोटाले' और तेलंगाना की कालेश्वरम सिंचाई परियोजना का हवाला दिया। गांधी ने आरोप लगाया कि टीआरएस और भाजपा राजनीतिक दल नहीं बल्कि व्यापारिक संस्थाएं हैं, जिनका मकसद लोगों के लिए काम किए बिना ' सरकारी पैसा लूटना' है।
उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ तोड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की नोटबंदी को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि आज स्थिति ऐसी है कि देश या तेलंगाना भले रोजगार देना चाहे, लेकिन ऐसा नहीं किया जा सकता है। रसोई गैस की कीमत में वृद्धि पर केंद्र पर हमला करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी शिकायत करते थे, जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन के दौरान एलपीजी सिलेंडर की कीमत 400 रुपये थी, लेकिन वह अब इसके बारे में एक शब्द भी नहीं कहते हैं, जब कीमत 1,000 रुपये से ऊपर है।