नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने सरकारी स्कूलों के लिए साल 2022 के आखिरी हफ्ते में स्कूल संबंधी बड़ा फैसला लिया है। जहां पर उन्होंने दिल्ली के सभी स्कूलों को सरकार की तरफ से बच्चों के लिए शारीरिक दंड हटाने का निर्देश दिया है। वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की गाइडलाइन के मद्देनजर जारी सर्कुलर में सभी स्कूलों को यह निर्देश दिया गया है। बता दें कि एनसीपीसीआर के विशेषज्ञों के मुताबिक स्कूल में बच्चों को मानसिक या शारीरिक दंड देना आरटीई की धारा 17 के तहत दंडनीय अपराध है। दरअसल दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की गाइडलाइन का हवाला देते हुए सर्कुलर जारी किया है।
इसके साथ ही दिल्ली के सभी सरकारी सरकारी सहायता प्राप्त और प्राइवेट स्कूलों से कहा गया है कि वे सुनिश्चित करें कि उनके स्कूलों में बच्चों को शारीरिक दंड न दिया जाए। ऐसे में एनसीपीसीआर की गाइड़लाइन को लेकर सर्कुलर जारी किया गया है। गौरतलब है कि हाल ही में दिल्ली सरकार ने कोरोना के खतरे को देखते हुए सरकारी टीचरों की ड्यूटी दिल्ली एयरपोर्ट पर लगाने का फैसला लिया था।
जहां टीचर एयरपोर्ट पर विदेश से आ रहे यात्रियों की निगरानी करेंगे। इसके साथ ही कोरोना गाइड़लाइन का पालन कराने में मदद भी करेंगे। इसके साथ ही ये ड्यूटी वो सर्दियों की छुट्टियों में यानि कि 1 जनवरी से आगामी 15 जनवरी तक करेंगे। बता दें कि 31 दिसंबर से 15 जनवरी तक अलग-अलग शिफ्ट में तकरीबन 85 टीचर ड्यूटी करेंगे। बच्चों के लिए लाए गए फ्री और अनिवार्य बाल शिक्षा (आरटीई) अधिनियम 2009 में शारीरिक सज़ा और मानसिक प्रताड़ना को रोकने का प्रावधान है जिसमें आरटीई के सेक्शन 31 के तहत ही बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिल रहा है। इसकी निगरानी करने के लिए नेशनल कमीशन फ़ॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ चाइल्ड राइट्स बनाया गया है।
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