पंजाब में पहला "मिर्चों" का क्लस्टर शुरू, किसानों को होगी करोड़ों की कमाई

Update: 2023-03-17 18:16 GMT
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की तरफ से राज्य के किसानों की आय बढ़ाने और फ़सली विभिन्नता को उत्साहित करने के मंतव्य से चेतन सिंह जौड़ेमाजरा, आजादी संग्रामियों, रक्षा सेवा कल्याण, बाग़बानी, सूचना एवं लोक संपर्क मंत्री, पंजाब की तरफ से फ़िरोज़पुर जिले की मिर्चों के किसानों के लिए पंजाब विधान सभा के माननीय स्पीकर कुलतार सिंह संधवां, महेन्दर सिंह सिद्धू, चेयरमैन पनसीड की मौजूदगी में आज तिथि 17 मार्च, 2023 को ज़िला फ़िरोज़पुर के गाँव महलम में चिल्ली कलस्टर के जिला स्तरीय समागम में प्रोजैक्ट फेज़ के चरण 1 की शुरुआत की गई। पंजाब में मिर्चों की पैदावार संबंधी जौड़ामाजरा ने बताया कि पंजाब में लगभग 9920 हेक्टेयर रकबे में से 19,963 मीट्रिक टन हरी मिर्च का उत्पादन होता है। पंजाब के प्रमुख मिर्च उत्पादक जिले फ़िरोज़पुर, पटियाला, मलेरकोटला, संगरूर, जालंधर, तरन तारन, अमृतसर, एसबीएस नगर और होशियारपुर हैं। इनमें से जिहा फिरोजपुर में सबसे अधिक 1700 हैकटेयर रकबे में मिर्चों की पैदावार होती है। इसके बाद 1195 हैकटेयर के साथ जालंधर और 1106 हैकटेयर के साथ तरन तारन का नंबर आता है। पंजाब में मिर्च की अधिकतम उत्पादकता 19 मीट्रिक टन/ हेक्टेयर है। मिर्च की खेती 8000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रूप से और 16000 से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर रोज़गार प्रदान करने के लिए जानी जाती है। जौड़ामाजरा ने बताया कि पहले मिर्च की फ़सल का उचित भाव नहीं मिलता था जिस कारण किसान फ़सली विभिन्नता से विमुख हो रहे थे परन्तु अब इस कलस्टर के बनने से किसानों की मिर्च की फ़सल का मंडीकरण सफल ढंग के साथ हो सकेगा और उनको बढ़िया लाभ भी होगा।
मिर्चों के इस क्लस्टर के उद्घाटन के मौके पर कुलतार सिंह संधवां और चेतन सिंह जौड़ामाजरा की तरफ से ख़ुद खेतों में जाकर किसानों से मिर्चों की अलग-अलग किस्मों की जानकारी ली और उन्होंने बताया कि फ़िरोज़पुर जिले के मिर्च उत्पादकों ने बाग़बानी विभाग के तकनीकी सहयोग और निजी क्षेत्र की संस्थाओं के सहयोग से 19 जनवरी, 2023 को मिर्च कलस्टर विकास प्रोग्राम शुरू किया था। इस कलस्टर और अन्य कई कलस्टरों में बाग़बानी उत्पादकों के उत्साह ने पंजाब सरकार को राज्य योजनाबद्ध गतिविधियों के रोज़मर्रा के प्रबंधन के लिए प्रोजैक्ट डायरैक्टोरेट, एक प्रोजैक्ट प्रबंधन यूनिट (पीएमयू) स्थापित किया जायेगा। प्रोजैक्ट की प्रगति की समीक्षा करने के लिए प्रोजैक्ट मूल्यांकन और अनुमोदन कमेटियों का गठन किया जायेगा।बाग़बानी मंत्री, श्री चेतन सिंह जौड़ेमाजरा ने इन नयी पहलकदमियों को आगे ले जाने के लिए अपने कीमती विचार देते हुये कहा कि पंजाब सरकार की अलग-अलग स्कीमों स्वरूप बाग़बानी विभाग की तरफ से किसानों की आय बढ़ाने के लिए तकनीकी जानकारी के इलावा वित्तीय सहूलतें भी दीं जा रही हैं। इसके इलावा ट्रेनिंगों/कैंपों/ सैमीनारों के द्वारा किसानों को जागरूक किया जा रहा है जिससे किसान थोड़ी ज़मीन में से ज़्यादा आय ले सकें। समागम में विशेष तौर पर पहुँचे पंजाब विधान सभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने इस चिल्ली क्लस्टर की महत्ता के बारे बताते हुये कहा कि मूल्य लड़ी में बढ़ी हुई कुशलता और तकनीकी एकीकरण घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में उपज की छवि को और सुधारेगा। इसके इलावा, यह किसान भाईचारे को खेती की लागत घटाने, खेती- कारोबार स्थापित करने के लिए उद्यमियों, महिलाओं और बेरोजगार नौजवानों को मूल्य लड़ी में हिस्सा लेने के मौके प्रदान करने में भी मदद करेगा।
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