देशभर के पुस्तकालयों के विकास और डिजिटलीकरण के लिए 'फेस्टिवल ऑफ लाइब्रेरीज'
नई दिल्ली(आईएएनएस)। देश भर के पुस्तकालय के विकास और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए 'फेस्टिवल ऑफ़ लाइब्रेरीज 2023' का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी। 'फेस्टिवल ऑफ़ लाइब्रेरीज' विश्व भर की प्रसिद्ध पुस्तकालयों को प्रदर्शित करने एवं भारत के तमाम पुस्तकालय के डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण पर बातचीत प्रारंभ करने के लिए एक मंच का कार्य करेगा। यहां उल्लेखनीय मुख्य आकर्षणों में पुस्तकालयों के संगठन द्वारा एक संग्रहित निर्देशिका के लॉन्च और तीन प्रमुख पुस्तकालयों पटना के खुदा बख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी, रामपुर की रामपुर राजा पुस्तकालय और टोंक के मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी पर्शियन रिसर्च इंस्टीट्यूट के बीच संयुक्त एमओयू के हस्ताक्षर, रामपुर राजा पुस्तकालय के 250 वर्षों के उत्सव की शुरुआत, रामपुर राजा पुस्तकालय पर आधारित सैसी पुस्तकालय सीरीज का लॉन्च और 22 भाषाओं में कर्सिव राइटिंग की किताबों की सेट का विमोचन शामिल हैं।
इस पर्व को भारत में मॉडल पुस्तकालय के विकास के लिए गांव और सामुदायिक स्तर तक क्रियान्वयक नीतियों के गठन को सुविधाजनक बनाने का उद्देश्य के तहत मनाया जा रहा है। इसके सहित भारत में बातचीत प्रारंभ करने के लिए एक विशेष रैंकिंग प्रणाली की शुरुआत की जाएगी, जो पुस्तकालय में उत्कृष्टता और नवाचार को बढ़ावा देगी। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय 5 और 6 अगस्त 2023 को दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित हॉल नंबर 5 में यह फेस्टिवल करने जा रहा है।
केंद्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि फेस्टिवल ऑफ़ लाइब्रेरीज 2023 ज्ञान और कल्पना का उत्सव है। पुस्तकालय पांडुलिपियों को संरक्षित रखते हैं और इतिहास और असीमित भविष्य के बीच का समंजस्य स्थापित करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी डिजिटल पुस्तकालय पहल बाधाओं को तोड़ेगी और ज्ञान तक जन की सरल पहुंच को सशक्त बनाएगी। आइए पुस्तकालयों की परिवर्तनकारी शक्ति और वन नेशन, वन डिजिटल लाइब्रेरी द्वारा दिए जाने वाले असीमित अवसरों को अपनाते हुए उत्साह के साथ यह पर्व मनाएं।
फेस्टिवल ऑफ़ लाइब्रेरीज एक अनूठा आयोजन है जिसका उद्देश्य पुस्तकालयों के संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र से प्रतिभागियों को अवगत और प्रेरित कराना है। महोत्सव के साथ ही नए पहल और प्रकाशनों का शुभारंभ भारत के राष्ट्रपति की अध्यक्षता में होगा। इस आयोजन में गोलमेज चर्चाएं और पैनल शामिल होंगे जहां प्रतिभागी भारतीय राज्यों और दुनिया भर के पुस्तकालय की सर्वोत्तम प्रथाओं का अन्वेषण कर पाएंगे। साहित्यिक उत्सवों के आयोजकों, युवा लेखकों, प्रकाशन गृहों और अन्य लोगों के साथ विशेष बातचीत भी होगी। आगंतुकों को 10 आकर्षक प्रदर्शनियों का आनंद लेने का मौका मिलेगा, जिसमें मानचित्रिकी, कैलिग्राफी, कर्सिव लेखन और जनजातीय फ़ॉन्ट और लिपि के प्रदर्शन शामिल होंगे। प्राइवेट संग्रहों, विशेष रूप से आर्काइव संग्रहों के डिजिटलीकरण पर चर्चा की जाएगी और उपस्थित लोग आर्काइव संग्रह और प्रभावी मसौदों की एक अद्वितीय प्रदर्शनी का अन्वेषण कर सकेंगे। महोत्सव में लेखक सत्र, डिजिटल प्रदर्शन, पॉडकास्ट और ह्यूमन लाइब्रेरी प्रोजेक्ट सहित इंटरैक्टिव ड्राइंग रूम शामिल होंगे। बच्चों में पढ़ने के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने के लिए व्यावहारिक गतिविधियां प्रदान करता एक समर्पित चिल्ड्रेन ज़ोन भी उत्सव का हिस्सा होगा।