नकली अफसर 'असली' जेल में पहुंचा, सरकारी कर्मचारियों को भी फंसाया

लखनऊ: एसटीएफ ने खुद को मुख्यमंत्री का विशेष सचिव और चयन बोर्ड का अधिकारी बता नौकरी दिलाने के नाम पर 20 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली करने वाले गिरोह के मास्टरमाइन्ड समेत पांच जालसाजों को गिरफ्तार किया है। मास्टरमाइन्ड विकास यादव कानपुर का रहने वाला है। ये सभी सुशांत गोल्फ सिटी के पास पकड़े …

Update: 2024-01-13 01:15 GMT

लखनऊ: एसटीएफ ने खुद को मुख्यमंत्री का विशेष सचिव और चयन बोर्ड का अधिकारी बता नौकरी दिलाने के नाम पर 20 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली करने वाले गिरोह के मास्टरमाइन्ड समेत पांच जालसाजों को गिरफ्तार किया है। मास्टरमाइन्ड विकास यादव कानपुर का रहने वाला है। ये सभी सुशांत गोल्फ सिटी के पास पकड़े गये हैं। इस गिरोह ने कई लोगों को विभिन्न बोर्ड का चेयरमैन बनाने का झांसा देकर भी रुपये हड़पे है। दो आरोपी पहले भी गिरफ्तार हो चुके है। गिरफ‌तार आरोपितों के पास रेलवे पास, 14 मोबाइल फोन, फर्जी नियुक्ति पत्र व अन्य दस्तावेज भी बरामद हुए है।

एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक मास्टरमाइंड विकास कानपुर के कल्याणपुर का है और मूल रूप से वह मैनपुरी का रहने वाला है। उसके साथ हाथरस निवासी आशीष भारदाज, बलिया का गगन पाण्डेय, मऊ के घोसी निवासी नवीन कुमार रा और बाराबंकी के असन्द्रा निवासी अमित तिवारी भी पकड़े गये। ये लोग सुशांत गोल्फ सिटी व मड़ियांव की पलटन छावनी कालोनी में किराये पर रह रहे थे। इन सबके बारे में कुछ समय पहले सूचना मिली थी कि ये लोग नौकरी दिलाने व सरकारी स्कूलों को फंड दिलाने व विभिन्न मंत्रालयों में चेयरमैन बनाने के नाम पर ठगी कर रहे हैं। इस पर ही एएसपी विशाल विक्रम सिंह ने इंस्पेक्टर संजय सिंह के नेतृत्व में एक टीम बनायी थी। इस टीम ने सर्विलांस की मदद से इस गिरोह को पकड़ लिया।

एएसपी के मुताबिक बेरोजगारों को विश्वास में लेने के लिये गिरोह आरोपी गगन पाण्डेय को मुख्यमंत्री का विशेष सचिव बताकर मिलवाता था। इन लोगों के खिलाफ वर्ष 2020 में कई मुकदमे इटावा व अन्य जिलों में दर्ज हुये थे। वर्ष 2020 में रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर इन लोगों ने 20 युवकों से करीब दो करोड़ रुपये वसूल लिये थे। इन्हें फर्जी तरीके से फार्म भरवा कर मेडिकल कराने के बाद जाली नियुक्ति पत्र दे दिया था।

मंडी परिषद, एमटीएस, यूपीपीसीएल, गन्ना संस्थान, दुग्ध विभाग, रेवेन्यू बोर्ड, कम्प्यूटर आपरेटर, एफसीआई समेत कई विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा दिया था। जिस भी विभाग में नौकरी का आवेदन निकलता था, उसके लिये ही ये लोग ठगी करने लगते थे। सरकारी स्कूलों में भी नौकरी के लिये कई लोगों से वसूली की।

एसटीएफ ने दावा किया है कि इन जालसाजों ने कई सरकारी कर्मचारियों को ट्रांसफर व अच्छी जगह तैनाती कराने के नाम पर भी वसूली की। इसके अलावा कई स्कूल प्रबन्धक को फंड दिलाने के नाम पर भी ठगा। आरोपी विकास ने एसटीएफ को बताया कि विभिन्न मैन पावर सप्लाई कम्पनियों में फैजान अली सिद्दीकी के जरिये लोगों को सरकारी विभागों में संविदा पर नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये वसूले। संविदा पर चयन कराने के लिये छह से आठ महीने को वेतन एडवांस के तौर पर लिया गया। कई बार ये लोग बेरोजगारों को अपने परिचित विभागों में ट्रेनिंग के नाम पर भेजते है। असलियत सामने आने तक ये लोग अपना मोबाइल व आफिस बदल देते थे।

एएसपी ने बताया कि विकास यादव ने खुद को एक संस्था आरएमएसएस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया। इस संस्था में अमित तिवारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। यह संस्था उसने लोगों पर प्रभाव जमाने के लिये बनायी गई है।

Similar News

-->