कुल्लू में बढ़ी विदेशी सेब के पौधों की डिमांड
कुल्लू। जिला कुल्लू में सेब के बागीचों में विदेशी सेब के पौधे लहलहा रहे है और अब विदेशी सेब की नई किस्म के प्रति बागबानों का रुझान भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में उद्यान विभाग के द्वारा इस बार नई किस्म के सेब आउट अन्य फलदार पौधे बागबानों को मुहैया करवाए जाएंगे। जिला कुल्लू में …
कुल्लू। जिला कुल्लू में सेब के बागीचों में विदेशी सेब के पौधे लहलहा रहे है और अब विदेशी सेब की नई किस्म के प्रति बागबानों का रुझान भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में उद्यान विभाग के द्वारा इस बार नई किस्म के सेब आउट अन्य फलदार पौधे बागबानों को मुहैया करवाए जाएंगे। जिला कुल्लू में बागबानों को 25 से अधिक नई प्रजातियों के पौधे वितरण किए जाएंगे। इस बार उद्यान विभाग के पास बागबानों ने एक लाख 80 हजार 520 पौधों की मांग दी है, जिनमें सबसे अधिक विदेशी किस्म के सेब के पौधों की मांग है। जिला कुल्लू की अगर बात करें तो कुल्लू खंड में अब की बार बागबानों ने 25500 नग्गर में 31000, बंजार में 21250, निरमंड में 3450, आनी में 27250 पौधों की मांग उद्यान विभाग को दी है।
हिमाचल प्रदेश बागबानी विकास परियोजना के तहत एक लाख 80 हजार पौधों की मांग दी गई है। ऐसे में इस बार बागबानों को पौधों की कमी नहीं सताएगी। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर भी पौधे बांटे जाएंगे। जिला कुल्लू में अधिकतर बागबान सेब की खेती पर निर्भर है और जिला कुल्लू में 32000 हेक्टेयर भूमि पर सेब के बागीचे है। हर साल यहां से लाखों सेब की पेटियां देश की विभिन्न मंडियों में भेजी जाती है। उद्यान विभाग के द्वारा इस साल बागबानों को बेहतरीन किस्म के फलदार पौधे की खेप कम दामों पर मुहैया करवाए जाएंगे। कुल्लू में हर साल नई किस्म के विदेशी सेब के पौधों की मांग बढ़ रही है। इनमें गाला, ट्रेस गाला, ब्राउन गाला, फैजम गाला, रेडलम गाला, गेल गाला, किंग राट, डार्क ब्राउन गाला, स्कारलेट, अर्ली रेड वन, आडू, पलम, खुमानी, रॉयल डिलीशियस, प्रजातियों की मांग ज्यादा है। ऐसे में कुल्लू जिला में बागबानों को कलस्टर के माध्यम से पौधे बांटे जाएंगे।