यूपी चुनाव के बीच जाति जनगणना की मांग, अखिलेश यादव बोले - इन्हे भी हक और सम्मान मिले

Update: 2022-02-22 02:01 GMT

यूपी। उत्तर प्रदेश की चुनावी लड़ाई में पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जाति जनगणना का मुद्दा एक बार फिर उठाया है. अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी के साथ जो छोटी-छोटी पार्टियां हैं वो जातिगत जनगणना चाहती हैं, वो चाहती हैं कि आरक्षण खत्म न हो. वो चाहते हैं कि आबादी के हिसाब से हक और सम्मान मिले. लेकिन बीजेपी नहीं चाहती है कि जाति जनगणना हो. चुनाव प्रचार के लिए कानपुर पहुंचे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजतक के साथ विशेष बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि ये जितने क्षेत्रीय दल हमारे साथ आए हैं, इनमें दलित हैं, अम्बेडकरवादी हैं, समाजवादी हैं, ये सभी जाति जनगणना चाहते हैं.

जाति जनगणना से पीछे क्यों हट रही है बीजेपी

अखिलेश ने कहा कि बीजेपी का कोई नेता क्या जाति जनगणना कराएगा. क्या जाति जनगणना के आंकड़े जनगणना के सामने आएंगे? ये सभी छोटे दल जाति के आधार पर जनगणना चाहती है, लेकिन बीजेपी जाति जनगणना क्यों नहीं चाहती है? ओबीसी जातियों के समीकरण की चर्चा करते हुए अखिलेश ने कहा कि अगर बीजेपी ओबीसी को साथ लेना चाहती है तो जाति जनगणना से पीछे क्यों हट रही है. सपा अध्यक्ष से पूछा गया कि नई सपा, नई हवा की बात वो क्यों करते हैं, क्या पहले कोई कमी रह गई थी? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अगर लोग कुछ बदलाव चाहते हैं, हमारा कोई ऐसा सपना जो पूरा नहीं हो पाया है तो हम उसके लिए काम करेंगे, इसलिए हमनें नई सपा, नई हवा का नारा दिया है. अखिलेश ने कहा कि हम दुनिया का सबसे अच्छा एक्सप्रेसवे बना रहे थे. फ्रांस के तर्ज पर यूपी में कृषि मंडी बना रहे थे. वर्ल्ड क्लास अस्पताल बना रहे थे.

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में नौकरी-रोजगार कैसे मिलेगा? उत्तर प्रदेश आगे कैसे बढ़ेगा. इस पर काम कर रहे हैं. अपने शासन काल में हम अधिकारियों ह्यूस्टन भेजे, सिंगापुर भेजे फिर यूपी के लिए उत्कृष्ट पुलिस रिस्पॉन्स सिस्टम दिया. लेकिन इस सरकार ने सब खराब कर दिया. इसलिए हम कह रहे हैं कि नई हवा है, नई सपा है.

परिवारवाद के आरोपों पर अखिलेश ने कहा कि बीजेपी में अगर कोई भी परिवार वाला तो वो परिवारवालों का दुख दर्द समझ पाता. इसके लिए उन्होंने लॉकडाउन में मजदूरों के पलायन और कोरोना काल में ऑक्सीजन की किल्लत का उदाहरण दिया. जो परिवार वाले नहीं हैं वो परिवारवालों का दुख-दर्द नहीं समझ सकते. अखिलेश ने कहा कि परिवार वाला ही अपने बेरोजगार बेटे का दर्द समझ सकता है, वहीं महंगाई से जूझ रहे लोगों का दर्द समझ सकता है.

अखिलेश ने कहा कि क्या बीजेपी में परिवारवाद नहीं है? जो दो नंबर के नेता हैं वो क्या कर रहे हैं, क्या वो बॉलिंग कर सकते हैं. रक्षा मंत्री के बेटे कौन हैं? ज्योतिरादित्य सिंधिया कौन हैं? क्या योगी आदित्यनाथ को परिवारवाद की वजह से मठ की जिम्मेदारी नहीं मिली?

अखिलेश ने लॉ एंड ऑर्डर पर कहा कि सपा की सरकार में कम से कम कोई माफिया क्रिकेट नहीं खेलता है. कोई सीएम जेल में जाकर किसी माफिया के साथ चाय-बिस्किट नहीं खाए होंगे. एक सीएम बनारस की जेल में जाकर 3 घंटे किस किस के साथ चाय पिये हैं. अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री के चेहरे पर बारह बज गया है, उनके खिलाफ जनता ने जमकर मतदान किया है. अखिलेश ने देर से सोकर उठने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के आरोपों पर कहा कि वे उनसे पहले सोकर उठते हैं. वे अपना पर्सनल नंबर दे दें तो वे उठते ही उन्हें बता देंगे. इसके अलावा वे सोने से पहले भी उन्हें फोन करेंगे.

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