जोधपुर। बुजुर्ग महिला की हत्या कर उसका चेहरा नोच कर खाने वाले नरभक्षी की आज सुबह मौत हो गई। वह 27 मई से जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद उनकी बीमारी का खुलासा होगा। दूसरी ओर, पुलिस की एक टीम उसके परिवार वालों का पता लगाने के लिए मुंबई गई है।एमजीएच अस्पताल के डॉ. प्रभात कांवरिया ने बताया कि मरीज की मौत सुबह 7 बजकर 55 मिनट पर हुई. उनके लिवर और किडनी दोनों के ऑर्गन डैमेज हो गए थे। वह रेबीज के संक्रमण का भी शिकार था। मृतक का पोस्टमॉर्टम कराएंगे। ऑटोप्सी और अन्य नमूने राष्ट्रीय प्रयोगशाला को भेजे जाएंगे।
मानव से नरभक्षी बने सुरेंद्र किस रोग से पीड़ित थे? इसको लेकर जोधपुर के डॉक्टर भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। वहीं पाली से मेडिकल बोर्ड की टीम ने जांच के बाद हाइड्रोफोबिया का संदिग्ध मरीज मानते हुए उसे जोधपुर रेफर कर दिया था. इस रोग में रोगी की मृत्यु निश्चित होती है। युवक के हाइड्रोफोबिया, कुरु या इंसेफेलाइटिस रोग से पीड़ित होने की आशंका जताई जा रही थी। अब नेशनल वायोलॉजी लैब से जांच रिपोर्ट व पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा.पाली जिले के सेंदा थाना क्षेत्र के सराधना गांव में 26 मई की सुबह एक आदमखोर ने 60 वर्षीय शांतिदेवी की पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी. उसके चेहरे को नोच कर खा लिया।
वहीं बुजुर्ग महिला शांतिदेवी के पुत्र वीरम काठत के पुत्र नेना महरात ने सेंद्रा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में बताया गया कि 26 मई की सुबह करीब 8 बजे उसकी मां शांतिदेवी बकरी चराने के लिए घर से निकली थी. वह प्रताप के पुत्र बहादुर के बेरे से भिंडी तोड़कर घर वापस आ रही थी। हादसा रास्ते में गुंडिया वाली बेरी के पास हुआ। राजस्थान चीता मेहरात (कठत) महासभा के प्रतिनिधिमंडल ने कल अध्यक्ष रमेश खान कठत के नेतृत्व में एक बैठक की। इसमें चर्चा थी कि पोस्टमार्टम के समय तहसीलदार रायपुर ने मृतक के परिवार को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया था. प्रशासन पूरा सहयोग करेगा और गांव में रेबीज का टीका लगवाया जाएगा, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।