इस मंदिर को थपथपाने पर आती है डमरू की आवाज, जानिए इसकी दिलचस्प कहानी
इस दुनिया में रहस्यों की कमी नहीं है. चाहे बात इंसानों की हो
इस दुनिया में रहस्यों की कमी नहीं है. चाहे बात इंसानों की हो, जानवर की हो या फिर जगहों की हो. समय-समय पर इसके बारे में चौंकाने वाला खुलासे होते रहते हैं. कईयों की गुत्थी तो आज तक नहीं सुलझ सकी है. इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके रहस्य से आज तक पर्दा नहीं उठ सका है. कहा जाता है कि इस मंदिर को थपथपाने पर डमरू की आवाज निकलती है. ये बात सुनने में भले ही आपको अजीब लगा रहा हो लेकिन यह सच है. तो आइए, जानते हैं इस मंदिर के बारे में कुछ दिलचस्प बातें…
हिमाचल प्रदेश के सोलन में स्थित इस मंदिर का नाम जटोली शिव मंदिर है. बताया जाता है कि इस मंदिर की ऊंचाई 111 फुट है. दावा यहां तक किया जाता है कि इस मंदिर की गिनती एशिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर में होती है. कहा जाता है कि इस मंदिर का ऐसे निर्माण किया गया है, जो देखते ही बनता है. ऐसी मान्यता है कि पैराणिक काल में यहां भगवान शिव कुछ समय के लिए आकर रहे थे. वहीं, साल 1950 में स्वामी कृष्णानंद परमहंस नाम के एक साधु यहां आए और उनके दिशा-निर्देश पर जटोली शिव मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ. साल 1974 में मंदिर की नींव रखी गई. लेकिन, साल 1983 में उन्होंने समाधि ले ली. इसके बावजूद मंदिर निर्माण का कार्य चलता रहा.
मंदिर बनाने में लगा 39 साल का समय
ऐसा कहा जाता है कि अगर मंदिर के बाहर से पत्थर को कोई भी थपथपाता है तो डमरू की आवाजा आती है. इस मंदिर को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं. इतना ही नहीं देश-विदेश के श्रद्धालुओं ने भी इस मंदिर को निर्माण कराने में पैसे लगाए थे. इस मंदिर को बनाने में तकरीबन 39 साल का समय लगा था. इस मंदिर के ऊपर 11 फुट ऊंचा एक विशाल सोने का कलश स्थापित है, जो उसे काफी खास बना देता है. तो आपको जब यहां जाने का मौका लगे तो इस मंदिर का दर्शन जरूर करें.