कांग्रेस ने अपने ही राष्ट्रीय प्रवक्ता को जारी कर दिया कारण बताओ नोटिस, इस मामले में एक्शन
भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर बयानबाजी को लेकर कांग्रेस ने अपने ही राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मीडिया विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन खेड़ा की ओर से नोटिस जारी किया गया। पार्टी ने आलोक शर्मा के बयान को गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए दो दिन में …
भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर बयानबाजी को लेकर कांग्रेस ने अपने ही राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मीडिया विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन खेड़ा की ओर से नोटिस जारी किया गया। पार्टी ने आलोक शर्मा के बयान को गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए दो दिन में जवाब मांगा है।
बता दें कि आलोक शर्मा को ये नोटिस पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने को लेकर मिला है। उन्हें दो दिनों के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। पार्टी की तरफ से आलोक शर्मा को ये नोटिस महासचिव (कम्युनिकेशन) जयराम रमेश के निर्देश पर मिला है।
नोटिस में कहा गया है कि पार्टी के वरिष्ठ पद पर होने के बाद भी आपने न सिर्फ आधारहीन और भड़काऊ बयान दिए, बल्कि पार्टी और उसके वरिष्ठ नेताओं को कमतर दिखाने की कोशिश की। कांग्रेस पार्टी का सदस्य होने के चलते आपको मालूम है कि पार्टी अनुशासन पर जोर देती है और इसका पालन नहीं करने पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। इसलिए आपके जरिए दिए गए बयान पर आपको दो दिनों के भीतर जवाब देने का मौका दिया जाता है।
गौरतलब है कि कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता अलोक शर्मा ने इंटरव्यू में कहा था, 'कमलनाथ के पिछले 5-6 साल के कार्यकाल को देख कर लगता है कि वह खुद नहीं चाहते थे मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने। उन्होंने कांग्रेस नेताओं को अपने स्तर पर काम नहीं करने दिया गया। आगे उन्होंने कहा था कि उनके घर ईडी-सीबीआई भी नहीं पहुंचती है।'
अलोक शर्मा ने आगे कहा, 'मुझे नाम लेने में कोई गुरेज नहीं है। वह व्यक्ति कमलनाथ हैं और पिछले पांच-छह सालों में उनके जैसे क्रियाकलाप रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि कहीं उनके बीजेपी से सांठ-गांठ तो नहीं हैं। कहीं वो चाहते तो नहीं थे कि कांग्रेस की सरकार आए। हमारे वरिष्ठ नेताओं की गलती है कि इस व्यक्ति को पहचाना नहीं गया। मध्य प्रदेश में उनके राज में क्यों सरकार गिरी, इसका आकलन होना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उसके बाद तमाम घटनाएं हुईं, जिसमें इस व्यक्ति ने इतना ज्यादा अहंकार दिखाया, फिर भी समझ नहीं आया। अखिलेश-वखिलेश जैसे बयान दिए गए। मगर एक व्यक्ति के अहंकार ने जिस तरह से पूरे चुनावी माहौल को बदला, वो बेहद ही अहंकारपूर्ण है।'