कोल इंडिया बढ़ाएगी कोयले का उत्पादन

इन गर्मियों में बढ़ती मांग के बीच पावर प्लांट में कोयले की कमी नहीं होगी.

Update: 2022-02-18 11:48 GMT
कोल इंडिया बढ़ाएगी कोयले का उत्पादन
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  इन गर्मियों में बढ़ती मांग के बीच पावर प्लांट में कोयले की कमी नहीं होगी. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया आने वाले समय में कोयला उत्पादन बढ़ाएगी. कोल इंडिया (Coal India) ने चालू वित्त वर्ष के करीब 11 महीने में ही पिछले पूरे वित्त वर्ष के कोयला आपूर्ति का स्तर पार कर लिया है. पिछले साल अक्टूबर में हुई कोयले (Coal) की किल्लत को देखते हुए सरकार गर्मी की शुरुआत से पहले कोयले का स्टॉक मजबूत बनाना चाहती है. साथ ही कोयले के आयात (import) को भी कम करना चाहती है इसी वजह से उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. सरकार पहले ही अनुमान जता चुकी है कि भारत वर्ष 2024 तक ताप बिजली उत्पादन के लिए कोयले के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल कर लेगा . देश में कोयला उत्पादन जनवरी 2022 के दौरान 6.13 प्रतिशत बढ़कर 7.95 करोड़ टन पर पहुंच गया.

कोल इंडिया ने बढ़ाई कोयले की आपूर्ति
आज जारी हुए आंकड़ों के अनुसार कोल इंडिया ने 57.5 करोड़ टन कोयले की आपूर्ति की है, जो 2020-21 में इस सूखे ईंधन की कुल आपूर्ति से अधिक है. कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने एक बयान में कहा कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2020-21 में 57.45 करोड़ टन कोयले की आपूर्ति की थी. बयान के मुताबिक, 'वित्त वर्ष 2021-22 के खत्म होने से लगभग डेढ़ महीने पहले 16 फरवरी तक सीआईएल वित्त वर्ष 2020-21 की कुल कोयला आपूर्ति को पार कर चुका है.' इस दौरान देश के बिजली संयंत्रों को आपूर्ति सालाना आधार पर 23 प्रतिशत बढ़कर 46.84 करोड़ टन रही. सीआईएल का मौजूदा कोयला उत्पादन 23 लाख टन प्रतिदिन है और इसे बढ़ाकर मार्च में 26 लाख टन प्रतिदिन या अधिक करने की योजना है.
भारत थर्मल पावर प्लांट की कोयला जरूरतों में होगा आत्मनिर्भर
भारत वर्ष 2024 तक ताप बिजली उत्पादन के लिए कोयले के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल कर लेगा. कोयला सचिव अनिल कुमार जैन ने इसी हफ्ते कोल इंडिया की सब्सिडियरी वेस्टर्न कोलफील्ड्स लि. (डब्ल्यूसीएल) की समीक्षा बैठक के बाद यह बात कही. उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर कोयले का उत्पादन 10 प्रतिशत बढ़ेगा और 2024 तक ताप बिजली के लिए इस शुष्क ईंधन के आयात की जरूरत समाप्त हो जाएगी. जैन ने कहा कि 2024 तक ताप बिजली के लिए कोयला आयात करने की जरूरत समाप्त हो जाएगी. उन्होंने बताया कि ताप बिजलीघरों के लिए नौ करोड़ टन कोयले का आयात किया जाता है. ऐसी उम्मीद है कि इस साल इसमें से छह से सात करोड़ टन हम घरेलू स्तर पर हासिल कर लेंगे. उन्होंने कहा कि 2023 में ताप बिजली के लिए कोयले के आयात की जरूरत काफी सीमित हो जाएगी. जैन ने कहा कि अगले साल बिजली की मांग में करीब 10 प्रतिशत की वृद्धि होगी
जनवरी में बढ़ा कोयला उत्पादन
देश में कोयला उत्पादन जनवरी 2022 के दौरान 6.13 प्रतिशत बढ़कर 7.95 करोड़ टन पर पहुंच गया. देश में जनवरी 2020 के दौरान कोयला उत्पादन 7.5 करोड़ टन था. कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'जनवरी 2022 के दौरान जनवरी 2020 की तुलना में देश का कोयला उत्पादन 6.13 प्रतिशत बढ़कर 7.96 करोड़ टन पर पहुंच गया.' मंत्रालय के अनुसार, 'कोविड-19 महामारी के कारण वित्त वर्ष 2020-21 को असामान्य माना गया है। इसलिए वित्त वर्ष 2022 के कोयले उत्पादन की तुलना वित्त वर्ष 2019-20 से की गई है. कोयला मंत्रालय के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने इस वर्ष जनवरी के दौरान 6.45 करोड़ टन कोयले का उत्‍पादन कर 2.35 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है


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