अजमेर। 12वीं बोर्ड परीक्षा का एडमिट कार्ड नहीं दिया तो स्टूडेंट ने जहर पी लिया। तबीयत बिगड़ने पर घरवाले युवक को हॉस्पिटल ले गए। युवक की हालत गंभीर बनी हुई है। मामला अजमेर के गंज इलाके का शनिवार का है। नागफणी क्षेत्र निवासी दीपक बोहरा (18) रामनगर स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ता है। छात्र ने परिजन को बताया था कि स्कूल की प्रिंसिपल रचना शेखावत उससे नाराज रहती है। इसलिए उसे करीब 5-6 महीने पहले ही कह दिया था कि वह उसे साल के आखिर में सबक सिखाएगी। घरवालाें ने बताया कि कुल 6 स्टूडेंट्स के प्रवेश-पत्र रोके गए। कारण पूछने पर अटेंडेंस कम होना बताया। परिवार ने भी प्रिंसिपल से बात की, लेकिन एडमिट कार्ड नहीं दिया। आरएलपी के जिला अध्यक्ष आशीष सोनी ने बताया कि शनिवार को दीपक ने प्रिंसिपल से बात कर फिर एडमिट कार्ड लेने की कोशिश की। प्रिंसिपल ने एडमिट कार्ड देने से साफ मना कर दिया। इससे छात्र तनाव में आ गया। उसने जहर पी लिया। सोनी ने बताया- उन्होंने मामले की सूचना जिला पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट को दी।
छात्र की मां कविता ने बताया वह लोगों के घर पर काम कर बेटे को पढ़ा रही है। उसके पति ने पारिवारिक विवाद के चलते पांच साल पहले फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। स्कूल की प्रिंसिपल रचना शेखावत ने बताया कि बच्चे सब बराबर है। किसी को परेशान करने का कभी मकसद नहीं रहा। इसकी अटेंडेंस शॉर्ट थी तो बोर्ड को सूचना कर दी। ऐसे में प्रवेश-पत्र कैसे दे सकते हैं। वैसे मेरी ओर से जो छूट देनी होती है, वो भी दे दी गई। इसके बावजूद अटेंडेंस पूरी नहीं हो रही। कैसे एडमिट कार्ड जारी करते। गंज थाना प्रभारी धर्मवीरसिंह ने बताया कि सूचना पर पुलिस अस्पताल पहुंची थी, स्टूडेंट बयान देने की स्थिति में नहीं था। मां कविता ने रविवार को रिपोर्ट दी कि जब एडमिट कार्ड लेने गए तो प्रिंसिपल ने अपमानित कर बाहर निकाल दिया। एससी-एसटी एक्ट में मामला दर्ज कर लिया है। आरएलपी के जिला अध्यक्ष सोनी ने कहा- अगर छात्र को प्रवेश-पत्र नहीं दिया और प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो सोमवार को आरएलपी आंदोलन करेगी। उन्होंने पुलिस से मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है।